मप्र सरकार के खिलाफ सरपंचों ने खोला मोर्चा

: गांधी भवन में एकजुट हुए प्रदेशभर के सरपंच पदाधिकारी, ये हैं 13 सूत्रीय मांगें

 

 

चुनावी साल में मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ सरपंचों () ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय सरपंच संघ के नेतृत्व में ग्राम सरकार बचाओ अभियान के तहत पंचायत पदाधिकारी भोपाल के गांधी भवन में एकत्रित हुए हैं. अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के सरपंच पदाधिकारी जुटे हुए हैं. वो भी चुनावी साल को भुनाने में लगे हैं.
जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर के सरपंचों ने सरकार को अगले 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. मांग पूरी नहीं हुई, तो कल से कलमबंद हड़ताल करने की चेतावनी दी है. पंचायत कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा. सरपंच विकास यात्रा का भी विरोध करेंगे. ऐसे में ग्रामीण स्तर के काम काज प्रभावित होंगे. मध्य प्रदेश के सरपंच मनरेगा मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं कर पाने से परेशान हैं.

इनकी मांगें

NMMS को बंद किया जाए. इंटरनेट नहीं होने के कारण ऑनलाइन उपस्थिति में मजदूरों को दिक्कत आती है.
मनरेगा मजदूरी को बढ़ाया जाए.
मजदूरों को कार्य के मूल्यांकन की मात्रा के अनुसार भुगतान का अधिकार ग्राम पंचायत को मिले.
मनरेगा योजना सामुदायिक कार्यों की सीमा ग्रामसभा को तय करने का अधिकार वापस दिया जाए.
सामग्री भुगतान मजदूरों के साथ ही किया जाए. सामग्री का भुगतान FIFO आधार पर होना चाहिए.
181 शिकायत का निराकरण संबंधी अधिकार सरपंच, सचिव और शिकायतकर्ता की उपस्थिति में पंचायत भवन में निपटारा किया जाए.
7 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी उसको पूरा किया जाए.
1 लाख स्वविवेक निधि प्रतिवर्ष सरपंच को दी जाए. इस व्यय ग्राम सभा के अनुमोदन पर किया जाए.

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