मप्र में लांच हुई लाडली बहना योजना: क्या लगेंगे कागजात और किसे होगी पात्रता

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने जन्मदिवस पर महिलाओं मतदाता को रिझाने के लिए बहुचर्चित पैसे बांटने की योजना लाडली बहना भोपाल से पूरे प्रदेश में लांच की.

अब पैसे बांटने की योजना का तो आगाज हो गया, जरूरी यह है कि इसका लाभ निम्न आय वर्ग की महिलाओं को मिलें – तभी इस योजना की उपयोगिता साबित हो सकेगी.

फिलहाल यह बताया गया है कि सरकार हर शहर और गांव में २५/०३/२३ से शिविर आयोजित करेगी, जो ३०/०४/२३ तक चलेंगे जिसमें पात्र महिलाओं के फार्म भरवाकर रजिस्ट्रेशन करवाया जावेगा. फ़ार्म की जांच मई २३ के महीने में पूरी होगी और १०/०६/२३ से महीने की पहली किश्त महिलाओं के बैंक खाते में ट्रांसफर की जावेगी.

*आइए अब जाने कागजात क्या लगेंगे:*

१. महिला की उम्र ०१/०४/२३ को २३ साल से ६० साल की होनी चाहिए.

२. महिला विवाहित या अविवाहित हो सकती है.

३. महिला के परिवार का मतलब पति पत्नी और बच्चें होंगे.

४. महिला के पास समग्र आईडी होना जरूरी है.

५. आधार आईडी होना जरूरी है.

६. सेविंग बैंक खाता किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में व्यक्तिगत नाम से होना जरूरी है, जाइंट खाता अमान्य होगा.

७. आधार आईडी समग्र आईडी और सेविंग बैंक खाते से लिंक होना जरूरी है.

८. महिला अविवाहित या सिंगल मदर या मां बाप के साथ रहने की स्थिति में उसके साथ रह रहे सदस्यों के हिसाब से पात्रता तय होगी और दूसरा महिला की यदि शादी हो जाती है या किसी भी प्रकार का बदलाव होता है तो उसे विभाग को सूचित करना होगा.

९. पात्रता फ़ार्म हर साल महिलाओं से भरवाया जाएगा.

१०. गलत जानकारी देने पर या पात्रता नहीं होने पर या किसी भी तरह के पारिवारिक बदलाव की जानकारी सूचित नहीं करने पर उचित कानूनी कार्यवाही की जावेगी.

*महिलाओं की पात्रता के नियम भी समझ लें:*

१. महिला की वार्षिक आय सालाना २५००००/- रुपए से कम होना चाहिए.

२. कोई भी पारिवारिक सदस्य आयकर विवरणी न भरता है.

३. कोई भी पारिवारिक सदस्य सरकारी विभाग या सरकारी निकाय या कंपनी में नियमित या संविदा कर्मी न हों.

४. महिला के घर में चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए.

५. महिला के परिवार में पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि नहीं होना चाहिए.

६. महिला और उसके परिवार द्वारा किसी और सरकारी योजना के अंतर्गत लाभ नहीं लिया जा रहा हो.

७. महिला के परिवार में कोई भी वर्तमान या पूर्व में सांसद, विधायक, पार्षद या जिला पंचायत सदस्य नहीं होना चाहिए.

८. महिला का कोई भी पारिवारिक सदस्य निगम, बोर्ड या किसी सरकारी मंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए.

उपरोक्त पात्रता नियमों में अविवाहित महिलाओं को लेकर स्थिति अभी सरकार ने साफ नहीं की है और न ही यह साफ किया कि यदि कोई टेक्सी, छोटा ट्रक या टेम्पो, इलेक्ट्रिक आटो, आदि चार पहिया वाहन आजीविका के लिए चला रहा है तो क्या वो पात्र नहीं होगा?

खैर सरकार इस बारे में स्पष्टीकरण जल्द ही जारी कर देगी लेकिन मुख्य सवाल यही है कि क्या १०००/- रुपए महीना देने से प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर और संबल हो पाएंगी कि यह पैसा इन महिलाओं के पतियों द्वारा शराबखोरी में उपयोग होगा.

*जरूरत थी प्रदेश के ८००० करोड़ रुपए के प्रावधान को शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और महिलाओं को योग्य बनाने पर खर्च होता तो महिलाएं आत्मनिर्भर और सबल बनाती एवं सरकार को ऐसी रेवड़ी योजना का सहारा न लेना पड़ता.*

*सीए अनिल अग्रवाल

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