मप्र में बदलेगी प्रांत प्रचारकों की जिम्मेदारी

 

मप्र में बदलेगी प्रांत प्रचारकों की जिम्मेदारी

भोपाल । चुनावी साल में संघ मप्र में तैनात अपने नेताओं की जिम्मेदारी बदलने की तैयारी में जुटा हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा मेें इस बदलाव को हरी झंडी दी जा सकती है। मप्र के साथ ही अन्य चुनावी राज्यों में भी प्रांत प्रचारकों की जिम्मेदारी बदली जा सकती है। दो साल बाद 2025 में संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। इस दौरान कई नवाचार और नए कार्यक्रम हाथ में लिए जाएंगे। संघ के कार्य विस्तार की योजना पर भी काम शुरू किया जाना है। संघ की शाखाएं बढ़ाकर एक लाख करने का संकल्प भी लिया जाएगा। इसके लिए समयदानी कार्यकर्ता अर्थात शताब्दी विस्तारक भी देश भर में रवाना किए जाएंगे। तीन दिनी बैठक के अंतिम दिन अर्थात 14 मार्च को संघ प्रमुख भागवत पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस वर्ष 12,13 व 14 मार्च को हरियाणा के समालखा (सोनीपत) में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आरएसएस की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। हर वर्ष मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक होती है। इसमें साल भर के कार्यक्रमों को मंजूरी दी जाएगी। प्रतिनिधि सभा में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुंद, रामदत्त, अरुण कुमार तथा संघ के अन्य सभी पदाधिकारी सहभागी रहेंगे। सभी प्रांतों से सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, क्षेत्र एवं प्रांत के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारकों के साथ संघ प्रेरित विविध संगठन के अखिल संगठन मंत्री व उनके सहयोगी भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

चुनावी राज्यों में बदलेगी जिम्मेदारी
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सबसे बड़ी बैठक प्रतिनिधि सभा में इस बार क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों की जवाबदारी बदलने की संभावना जताई जा रही है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ भी इस बदलाव में प्रभावित हो सकता है क्योंकि यहां मौजूदा क्षेत्रीय प्रचारक दीपक विस्पुते को 5 साल हो चुके हैं। इस साल मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक सहित 9 राज्यों में विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। संघ की यह तीन दिनी बैठक मार्च के दूसरे सप्ताह में संभवत: 12 से 14 मार्च को हरियाणा में सोनीपत के समीप समालखा में आयोजित की जा रही है। इसमें विभिन्न आनुषांगिक संगठनों के करीब 2 हजार प्रतिनिधि शामिल होंगे। 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष के संदर्भ में कार्य विस्तार को लेकर सभी प्रांतों की कार्ययोजना पर चर्चा होगी। समान नागरिक संहिता सहित देश और समाज के विभिन्न मुद्दों से जुड़े विषयों पर प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं।

आगामी कार्यक्रम की तैयार होगी रूपेखा
बैठक में पिछले वर्ष के कार्यवृत्त, संघ कार्य विस्तार की आगामी वर्ष की योजना, संघ शिक्षा वर्ग योजना, वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा होगी एवं कुछ विषयों पर प्रस्ताव भी आ सकते हैं। संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के देश भर से 1450 से भी अधिक इसमें प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में पिछले एक साल के कार्यक्रमों की समीक्षा भी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने हाल ही में संघ की विचारधारा से परे कई संवेदनशील मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से विचार व्यक्त किए है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि बैठक में ऐसे कार्यक्रम भी हाथ में लिए जाएंगे, संघ की आंतरिक कार्यशैली में भी इनका असर दिखाई दे सकता है। मप्र- छग में कार्यरत क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों की भूमिका में भी बदलाव किया जा सकता है। यहां के क्षेत्र प्रचारक विस्पुते की पदस्थापना का निर्णय 2018 नागपुर प्रतिनिधि सभा में लिया गया था। इसलिए अगले महीने संघ प्रचारकों को नई जिम्मेदारियां दी जाएगी।

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