मप्र का 3.14 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश

भोपाल, ) मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3.14 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के लिए बजट में आठ हजार करोड़ का प्रावधान किया है।

प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके मद्देनजर इस घोषणा को अहम माना जा रहा है।

दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस ने केंद्र द्वारा रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा किया और बहिर्गमन किया।

12वीं कक्षा की परीक्षा में प्रथम श्रेणी पाने वाली लड़कियों को ई-स्कूटर उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना’ नाम से एक नई योजना की भी घोषणा बजट में की गई है।

प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट प्रस्तुत किया और मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित देश के 12 ‘ज्योतिर्लिंगों’ में से एक, भगवान महाकालेश्वर से प्रार्थना करते हुए ‘श्लोक’ गाकर अपना भाषण शुरू किया।

देवड़ा ने बजट में किसी नए कर की घोषणा नहीं की। उन्होंने इसे ” जनता का बजट” बताया।

देवड़ा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रमुख योजना मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए 8,000 करोड़ रुपये के प्रावधान की घोषणा की।

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, लाडली बहना योजना प्रदेश में पांच मार्च से लागू होगी। इस योजना के तहत आयकर नहीं देने वाली महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। देवड़ा ने कहा कि बजट में अनुसूचित जनजाति (उप योजना) के लिए 36,950.16 करोड़ रुपये, अनुसूचित जाति (उप योजना) के लिए 2,60,86.81 करोड़ रुपये, सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिए 11,406 करोड़ रुपये, माध्यमिक शालाओं के लिए 6,728 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के तहत 7,332 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

अनुसूचित जनजाति (एसटी) उप योजनाओं का बजट पिछले वित्त वर्ष से 37 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा 15वें वित्त आयोग के अनुसार अपेक्षित सुधार करने पर सहायता को 6,935 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी कांग्रेस सदस्यों के हंगामे और वॉकआउट के बीच देवड़ा ने प्रदेश का बजट पेश किया।

उन्होंने कहा, ” कुल विनियोग की राशि 3,14,024.84 करोड़ रुपये है जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है तथा कुल शुद्ध व्यय 2,81,553.62 करोड़ रुपये का है।”

उन्होंने कहा कि महिला कल्याण से जुड़ी योजनाओं के लिए 102,976 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

सरकार का पहला ‘ई-बजट’ (कागज रहित प्रारूप में) पेश करते हुए, देवड़ा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश के सकल घरेलू उत्पाद में मप्र का योगदान 3.8 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गया है।

मंत्री ने घोषणा की कि मप्र सरकार वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम और निराश्रितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये के ‘सामाजिक प्रभाव बॉन्ड’ जारी करेगी और इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की वाहन कबाड़ योजना के तहत 1,000 सरकारी वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 10 साल में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 12 गुना बढ़ गया है।

मंत्री ने कहा कि बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक 56,256 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव किया गया है।

मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को ध्यान में रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएं मिशन के रूप में तैयार की गई हैं।

उन्होंने कहा कि बजट में राजस्व आधिक्य 412.76 करोड़ रुपये है और राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.02 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा, ” अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 2,25,709.90 करोड़ रुपये हैं जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 86,499.98 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 80,183.67 करोड़ रुपये, करेत्तर राजस्व 14,913.10 करोड़ रुपये और केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 44,113.15 करोड़ रुपये शामिल है।”

मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में खेलों के लिए बजटीय आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से अधिक किया गया है। वहीं शिक्षा के लिए 38,375 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5,532 करोड़ रुपये अधिक है।

देवड़ा ने कहा कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए 53,964 करोड़ रुपये जबकि ऊर्जा क्षेत्र के लिए 18,302 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए देवड़ा और वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक राज्य द्वारा लिया गया कर्ज बढ़कर 3.85 लाख करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक सरकार द्वारा लिया गया ऋण 3.31 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह एफआरबीएम मानदंडों के तहत है।

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के राज्य सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसपर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

उनके बजट भाषण के दौरान कांग्रेस सदस्य उन्हें टोकते रहे।

देवड़ा ने जैसे ही बजट प्रस्तावों को पढ़ना शुरू किया, तो पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट, विजय लक्ष्मी साधो और जीतू पटवारी सहित कांग्रेस सदस्यों ने एलपीजी मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

भनोट ने मांग की कि मध्य प्रदेश सरकार को राजस्थान सरकार की तरह प्रत्येक (गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को) 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराना चाहिए।

एलपीजी मूल्य वृद्धि को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने सुबह विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

नाथ ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘झूठी सरकार का झूठा बजट’ कहा।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘चुनाव की भ्रामक घोषणाओं को छोड़कर, इसमें कुछ भी नहीं है।”

उन्होंने दावा किया कि इस साल राज्य में बेरोजगार युवाओं की संख्या एक करोड़ हो गई है जबकि पिछले बजट में की गई घोषणाओं का लाभ वास्तव में लोगों तक 55 प्रतिशत ही पहुंचा।

हालांकि मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ”समाज के हर वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह बजट ऊर्जा से भरा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप गौरवशाली, वैभवशाली, समृद्ध भारत के लिए विकसित और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के संकल्प को साकार करेगा।”

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