मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान के आधार पर जनहित याचिका की सुनवाई शुरू की है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मुख्य सचिव और पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले गांव मुगावली, सीहोर में सृष्टि नाम की तीन साल की बच्ची खेलते समय एक बोरवेल में गिर गई थी। वह छह जून, 2023 को गिरी थी, वह 40 फीट पर फंस गई थी। बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही मशीनों के कंपन से वह 100 फीट गहराई तक गिर गई थी।
आठ जून 2023 को उसे बेहोशी की हालत में रेस्क्यू किया गया और बाद में मृत घोषित कर दिया गया। रेस्क्यू आपरेशन 50 घंटे से ज्यादा चला। खुले बोरवेल बच्चों के लिए मौत का जाल बन गए हैं।
इसके पहले भी राजकुमार, माही, साई, नदीम, सीमा, फतेहवीर, रितेश के अलावा कई बच्चे बोरवेल में गिर गए थे, जिनमें कुछ को बचा लिया गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में छोटे बच्चों के बोरवेलों और नलकूपों में गिरने के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय के लिए सभी राज्यों को निर्देश जारी किए थे।