मध्य प्रदेश वासियों को 19 साल बाद फिर मिलेगी राज्य परिवहन की सौगात
महेश्वर में होने वाली मोहन कैबिनेट की बैठक में लगेगी अंतिम मुहर
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश वासियों को 19 साल बाद फिर राज्य परिवहन की सौगात देने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य परिवहन निगम की बस वाले प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इससे नागरिकों को गांव से लेकर शहर तक सुलभ आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। करीब 19 बरस से बंद पड़ी मप्र राज्य परिवहन निगम की बसें फिर से सड़कों पर दिखाई देने लगेगी। बता कि मप्र मंत्रि परिषद की महेश्वर में होने वाली बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस फैसले से जहां शहर से गांव तक सफर आसान होने वाला है। वहीं इस शुरुआत से हजारों कर्मचारियों के परिवारों को भी खुशियां मिलने वाली है।
हजारों कर्मचारियों को मिलेगा रोजगार
मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम को कभी प्रदेश की रीढ़ कहा जाता था। करीब 29 हजार करोड़ रुपये संपत्ति वाले इस निगम में कुल सात 700 बसों का बेड़ा है। पूर्व में इस निगम से 11 हजार 500 कर्मचारी भी जुड़े हुए थे।
कैबिनेट की बैठक में लगेगी मुहर
परिवहन निगम के संचालन के लिए राज्य सरकार से 70.5 और केंद्र सरकार से 29.5 फीसदी की हिस्सेदारी भी तय है की है है।
देश और प्रदेश में भाजपा के शासन वाली डबल इंजन की सरकार की वजह से इस निगम को पुनर्जीवित किए जाने के रास्ते आसान हुए हैं। देवी अहिल्या बाई के सुशासन को समर्पित करते हुए अब एक निर्जीव संस्था को जीवित करने की कोशिश शुरू की गई है। मप्र राज्य परिवहन निगम की नई पारी के भविष्य पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 24 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम मुहर लगाने वाले हैं।