मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं ओलावृष्टि के आसार

 

 

भोपाल । एक साथ तीन वेदर सिस्टम के सक्रिय होने से मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फ‍िर बिगड़ने लगा है। हवाओं का रुख बदलने से जहां प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में ठंड से राहत मिली है, वहीं नमी बढ़ने से बादल छाने लगे हैं। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ने लगी हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी दो-तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बने रहने के आसार हैं। सात जनवरी के आसपास एक बार फिर हवा का रुख उत्तरी होने से ठंड का एक और दौर शुरू होने के आसार हैं।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उसके आसपास सक्रिय है। इसके प्रभाव से एक प्रेरित चक्रवात दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण हवाओं का रुख बदल गया है। विशेषकर इस समय उत्तरी हवाएं नहीं आ रही हैं। उधर अरब सागर से गुजरात से होकर राजस्थान तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इस सिस्टम के कारण पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का टकराव (सम्मिलन) भी हो रहा है। अरब सागर से मिल रही नमी के कारण राजधानी सहित प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बरसात होने के आसार बने हुए हैं। इसी क्रम में शनिवार को ग्वालियर में बारिश भी हुई है। शुक्ला के मुताबिक मौसम का इस तरह का मिजाज बुधवार तक बना रहने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।

सात जनवरी से कम होने लगेगा तापमान

शुक्ला के मुताबिक दो दिन में पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है। उसके प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाएगी। सात जनवरी के आसपास मौसम साफ होने लगेगा। साथ ही हवा का रुख भी उत्तरी होने लगेगा। सर्द हवाओं के कारण एक बार फिर ठंड का दौर शुरू होने लगेगा।

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