मध्य प्रदेश के ई-टेंडरिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मेंटाना कंपनी के श्रीनिवास राजू और उसके सहयोगी आदित्य त्रिपाठी को हैदराबाद में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां से तीन फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इसी मामाले में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी के हैदराबाद स्थिति आवास पर भी छापामार कार्रवाई कर दस्तावेजों की छानबीन की गई थी। मध्य प्रदेश में मेंटाना कंपनी काफी समय से काम कर रही है। जल निगम के टेंडरोें में गड़बड़ी सामने आने पर शिवराज सरकार ने ही पिछले कार्यकाल में इस मामले की जांच राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (इओडब्ल्यू) से कराई थी।
सत्ता परिवर्तन के बाद कमल नाथ सरकार में तकनीकी जांच रिपोर्ट आई थी, जिसके आधार पर और विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए थे। तबसे यह मामला एक विभाग से बढ़कर कई विभागों के टेंडर तक पहुंच गया। प्रकोष्ठ ने अधिकारियों और टेंडर लेने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर पूछताछ भी की थी।
बड़ा मामला होने की वजह से प्रवर्तन निदेशालय ने इसे जांच में लिया और सात जनवरी को हैदराबाद में पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी के आवास पर छापामार कार्रवाई की। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर बुधवार को कंपनी के श्रीनिवास राजू और आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार करके विशेष अदालत में प्रस्तुत किया, जहां से दोनों को तीन फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।