मतदान में रूचि बढ़ना,लोकतंत्र के लिए अच्छी बात

 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की बड़ी और खास बात यह है की मतदान का प्रतिशत बड़ा है.. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अच्छा है..इससे लोकतंत्र मजबूत होगा .. इधर वही इस बड़े हुए मतदान प्रतिशत ने किस राजनीतिक दल को मजबूती प्रदान की है इसके भी कयास लगने लगे हैं.. अपने- अपने नजरिए और तर्क के अनुसार दोनों प्रमुख राजनीतिक दल आकलन, विश्लेषण में जुटे हैं.. संशय से घबराहट दोनों ही राजनीतिक दलों में देखी जा रही हैं .. यही कारण है की लीडरशिप गायब सी हो गई है.. कोई नेता कैमरे के सामने आकर मजबूती से विश्वास के साथ अपनी जीत के दावे करता दिखाई नहीं दे रहा जैसा कि अक्सर चुनाव के बाद होता आया है.. इधर राजनीति के जानकार विश्लेषक भी ज्यादा कुछ भांप नहीं पा रहे.. कुछ लोग मतदान प्रतिशत बढ़ने का कारण सत्ता के खिलाफ़ आक्रोश मान रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे सत्ता पक्ष में बता रहे हैं।
*काश मतदाता की जीत हो*
इधर वोट डालकर लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास जताने वाली जनता जर्नादन यह मानती है की राजनीतिक नेतृत्व की बड़ी जवाबदेही है ओर प्रत्यक्ष में निर्णयकर्ता भी यही होते हैं.. इसलिए जनता मतदान के जरिए राजनीतिक नेतृत्व तय करती है और फिर वह व्यवस्था का हिस्सा बनता है.. विकास व नागरिक हितों के लिए काम करता है.. सुनने में यह बात अच्छी लगती है.. लेकिन अनुभव ऐसे कभी नहीं रहे ..सदैव जनता के साथ छलावा हुआ है.. जिन्हें वोट देकर जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजती है वह जनप्रतिनिधि बहुत जल्द ही सत्ता मद में चूर होकर मनमाने निर्णय करते हैं .. जनता व क्षेत्र के बजाय अपना हित साधने में लगते हैं ..अपने साथी और समर्थकों का हित साधने में लगे रहते हैं ..जनता के हित की उन्हें कोई ज्यादा पड़ी नहीं रहती ..यही कारण है शायद कि जहां भी जिस किसी से भी बात करो वह यही कहता है की यह जीतना नहीं चाहिए और यह तो बिल्कुल भी नहीं जीतना चाहिए..सब बेकार है कोई जीतना नहीं चाहिए.. कमाल की बात यह हैं कि लगातार ओर बार बार धोखा खाने ओर ठगे जानें के बाद भी कुछ ठीक होगा यह उम्मीद लिए वह फिर मतदान करता है.. यही हुआ भी .. हालांकि विचार अब भी वही है .. काबिल नहीं कोई..कोई जीतना नहीं चाहिए ..लेकिन जीतेगा तो कोई.. ओर फिर एक बार हारेगा मतदाता.. काश कभी ऐसा भी हो कि जीत मतदाता कि हो।…
*मतदाता के मन की बात*
सुलभ हो हर संसाधन
सहजता से हो हर काम..
जिम्मेदारों की व्यवहार कुशलता
बड़ाए देश का मान..
मैं से सब हम ओ जाएं
दूर सारे भरम हो जाएं..
सरकारे जन की सुन करे फैसलें
लोकतंत्र अमर हो जाएं ।।।।
——————–
#गोविंद शर्मा “गोविंद”
पत्रकार व यथार्थवादी चिंतक

*मैं क्या कहता हूं …*
तमाम सर्वे और मीडिया रिपोर्ट के साथ ही सट्टा बाजार जिस तरह के चुनाव परिणाम के संकेत दे रहा है ऐसे में यदि पुराना, यानी की 2018 का स्कोर रिपीट हुआ तो फिर मैच टाई माना जाएगा क्या ..?

Shares