भोपाल: पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंध, रंगरोगन के लिए विषाक्त रंगों के इस्तेमाल पर भी रोक

कलेक्टर आशीष सिंह ने धारा 144 के तहत जारी किए प्रतिबंधित आदेश। विसर्जन के 24 घंटे के अंदर ही मूर्ति, प्रतिमाओं से उत्पन्न ठोस अपशिष्टों का निपटान करना होगा।

 

  • कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रतिमाओं के निर्माण में केवल प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।
  • रंगरोगन के लिए प्राकृतिक, गैर-विषाक्त रंगों का ही उपयोग कर सकेंगे।
  • प्रदूषण रोकने की खातिर जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश।

 

भोपाल । जिले में आगामी गणेशोत्सव और नवरात्र के दौरान बैठने वाली झांकियों के लिए बनाई जाने वाली मूर्तियों को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने धरा 144  के तहत प्रतिबंधित आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि भोपाल जिले में प्लास्टर आफ पेरिस की सामग्री एवं विषाक्त रंगों से निर्मित मूर्ति एवं उनके विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।

प्राकृतिक सामग्रियों के इस्तेमाल से ही बनाई जाएंगी मूर्तियां

आदेश के अनुसार मूर्तियों, प्रतिमाओं के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाए, जैसा कि पवित्र ग्रंथों में उल्लेखित है। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जाए। पकी हुई मिट्टी, पीओपी प्लास्टर आफ पेरिस या किसी प्रकार के केमिकल या रासायनिक वस्तुओं का उपयोग प्रतिमा, मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा।

नहीं चलेगा विषाक्त रंगों का इस्तेमाल

आदेश में यह भी कहा गया है कि मूर्तियों, प्रतिमाओं पर कलर के लिए केवल प्राकृतिक रंगों और गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक और विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि विसर्जन के 24 घंटे के अंदर ही मूर्ति, प्रतिमाओं से उत्पन्न ठोस अपशिष्टों जैसे बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी प्रतिमा के हिस्से आदि को एकत्रित कर उनका निपटान किया जाएगा।
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