पीएम शाहबाज शरीफ का साथ भतीजी मरियम नवाज ने भी छोड़ा।
सीरिया पर आईएसआईएस और इजरायल का हमला।
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फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक समय समय पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। ऐसे नेता जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के पक्ष में नहीं है। कश्मीर मुद्दे पर इन नेताओं की भाषा वही है जो पाकिस्तान की है। अब ऐसे नेता सुन लें कि पाकिस्तान दिवालिया हो गया है। यह बात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कही है। आसिफ ने साफ कहा है कि अब कर्ज का भुगतान और ब्याज चुकाने की स्थिति में नहीं है। आसिफ ने यह बात तब कही जब पाकिस्तान भुखमरी के दौर से गुजर रहा है। लोग दो वक्त की रोटी तक की जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं। हमदर्द दोस्त चीन ने भी पाकिस्तान को मदद देने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान में इस समय अराजकता का माहौल हे। पाकिस्तान के जो हालात है, उस पर भारत में बैठे पाक समर्थक नेताओं को प्रतिक्रिया देनी चाहिए। क्या ऐसे नेताओं को अब भी पाकिस्तान अच्छा लगता है? ऐसे नेता पाकिस्तान की दुहाई देकर भारत में अपने राजनीतिक मकसद पूरे कर रहे थे। पाकिस्तान परमाणु संपन्न राष्ट्र है। महबूबा मुफ्ती ने तो पाकिस्तान के परमाणु बमों से अपने ही देश को डराने का काम किया। इसके विपरीत भारत है, जहां 25 करोड़ मुसलमान पूरे अधिकार और सम्मान के साथ रह रहे हैं। भारत के जिस नागरिक के पास खाने को रोटी नहीं है, उन्हें सरकार की ओर से मुफ्त में अनाज उपलब्ध करवाया जाता है। मनरेगा में रोजगार, रहने के लिए मकान, पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल आदि सभी सुविधाएं दी जाती है। पाकिस्तान के हिमायती नेता भारत के नागरिकों की तुलना पाकिस्तान के नागरिकों से कर सकते हैं। फारुख अब्दुल्ला से लेकर ओवैसी तक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसते हैं, लेकिन पिछले नौ वर्ष से मोदी ही देश चला रहे हैं और उन्हीं की नीतियों की वजह से भारत आज इतनी मजबूत स्थिति में खड़ा है। ऐसा इसलिए भी है कि मोदी के शासन में कोई भेदभाव नहीं होता। पाकिस्तान में तो धर्म के आधार पर हिन्दुओं को प्रताडि़त किया जाता है, जबकि भारत में प्रधानमंत्री की ओर से मुस्लिम सूफी संतों की मजारों पर चादर पेश की जाती है।
मरियम ने भी साथ छोड़ा:
पाकिस्तान के मौजूदा पीएम शाहबाज शरीफ पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई है। शरीफ बंधुओं की पार्टी का नाम पीएमएलएन है। इस पार्टी की उपाध्यक्ष नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज हैं। लेकिन अब मरियम नवाज भी अपने चाचा शहबाज शरीफ की हुकुमत से खुश नहीं है। मरियम ने कहा है कि मैं इस हुकूमत का हिस्सा नहीं हंू। सरकार के गलत निर्णय के लिए पार्टी जिम्मेदार नहीं है। यानी जिस पार्टी के कारण शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं, उसी पार्टी ने उनका साथ छोड़ दिया है। इससे पाकिस्तान के राजनीतिक हालातों का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
सीरिया पर चौतरफा हमला:
मुस्लिम देश सीरिया पर इन दिनों चौतरफा हमला हो रहा है। सीरिया पहले ही भूकंप की त्रासदी से गुजर रहा है, लेकिन 18 फरवरी को सीरिया में आईएसआईएस की ओर से जो विस्फोट किया उस में अब तक 75 से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं। पिछले कई वर्षों से सीरिया भी गृहयुद्ध के दौर से गुजर रहा है। जिस प्रकार पाकिस्तान में कट्टरपंथियों का दबदबा है उसी प्रकार सीरिया में भी आईएसआईएस, अलकायदा जैसे आतंकी संगठन सक्रिय है। आतंकी संगठन ही सीरिया पर कब्जा करना चाहते हैं। आतंकी संगठनों की आपसी जंग के बीच ही 19 फरवरी को इजरायल ने दो राकेट सीरिया पर दागे हैं। इजरायल का भी मानना है कि सीरिया में आतंकी संगठनों की वजह से ही कई बार उनके देश पर हमले होते हैं। इजरायल ने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीरिया पर रॉकेट दागे।
S.P.MITTAL