भारत में दवा बनाने के लिए इस कंपनी को मिला पहला लाइसेंस

भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने रोशे डायग्नोस्टिक्स इंडिया  को दवा बनाने के लिए पहला लाइसेंस दिया है। यह कंपनी देश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करेगी।

कंपनी का इतिहास

रोशे डायग्नोस्टिक्स कंपनी की स्थापना 1896 में स्विट्जरलैंड के बेसल में फ्रिट्ज़ हॉफमैन-ला रोश के द्वारा की गई थी। साथ ही भारत में इस कंपनी की शुरूआत 1988 में हुई। जिसके बाद इस कंपनी ने नई प्रणाली के तहत बेहतरीन दवाओं का विकास किया। जानकारी के अनुसार, ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी और बेहतरीन बायोटिक कंपनी है। इतना ही नहीं, इस कंपनी के 17 बायो फार्मास्युटिकल इस समय बाजार में मौजूद हैं।

कैंसर के उपचार के लिए सर्वश्रेष्ठ

यह कंपनी 100 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं देती है। रिपोर्ट के अनुसार इस कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 90 हजार से अधिक है। कंपनी की ऑफिसियल वेबसाइट से पता लगता है कि इस कंपनी ने कैंसर से जुड़े मामलों में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

जिसके लिए इस कंपनी को ग्लोबल लीडर की भी संज्ञा दी गई है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी ब्रेस्ट, स्क‍िन, कोलोन, फेफड़े और कई अन्य कैंसर की दवाएं बनाकर इस समय कैंसर उपचार के मामले में सबसे आगे है।

कोरोना वायरस के मामले में करेगी ये काम

रिपोर्ट के अनुसार इस कंपनी का देश के कई हिस्सों में कलेक्शन सेंटर है। यह अलग-अलग हिस्सों से कोरोना संक्रमण का परीक्षण करेगी। बता दें कि आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research)ने कंपनी से निवेदन किया है कि वो कोरोना वायरस का टेस्ट मुफ्त में प्रदान करें या फिर उसके लिए कम से कम फीस लें।

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