नई दिल्ली, 22 अगस्त । प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा कि खिलौने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाने का एक उत्कृष्ट माध्यम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलौना बाजार में बड़ी संभावनाएं हैं और यह आत्मनिर्भर भारत के तहत ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देकर देश के उद्योग क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकता है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय खिलौने के विनिर्माण और वैश्विक छाप को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारतीय लोकाचार और मूल्यों को प्रतिबिंबित करने के लिए ऑनलाइन गेम सहित खिलौना प्रौद्योगिकी और डिजाइन में नवाचार लाने के लिए युवाओं और छात्रों के लिए हैकथॉन का आयोजन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि युवाओं को प्रेरित किया जाना चाहिए कि वह ऐसे नए डिजाइन और खिलौनों के साथ आएं जिनसे राष्ट्रीय लक्ष्यों और उपलब्धियों के प्रति गर्व की भावना पैदा हो।
तेजी से बढ़ते डिजिटल गेमिंग क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में बड़ी क्षमता का दोहन करना चाहिए और भारतीय संस्कृति और लोक कथाओं से प्रेरित खेलों का विकास करके अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल गेमिंग क्षेत्र का नेतृत्व करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलौने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट माध्यम हो सकते हैं। खिलौने भारत के जीवन मूल्यों और सांस्कृतिक रूप से स्थापित पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे दस्तकारी वाले खिलौनों के लिए प्रसिद्ध क्षेत्रों में पर्यटन के माध्यम से भारत की संस्कृति को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत कई खिलौना कलस्टर और हजारों कारीगरों का घर है। यह स्वदेशी खिलौने का निर्माण करते हैं। इनसे न केवल सांस्कृतिक जुड़ाव पैदा होता है, बल्कि कम उम्र में बच्चों के बीच जीवन-कौशल और मनो-कौशल का निर्माण करने में भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कलस्टर को नवीन और रचनात्मक तरीकों से बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय खिलौना बाजार में प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण पर भी ध्यान देना चाहिए।एक बच्चे के दिमाग को ढालने में खिलौनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों में भारतीय संस्कृति और लोकाचार से जुड़े खिलौनों को शैक्षणिक उपकरणों के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।