भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 20 साल बाद अन्न ग्रहण किया है। दरअसल, विजयवर्गीय जब इंदौर के महापौर निर्वाचित हुए उसी समय उन्हें किसी महात्मा ने कहा कि शहर में पितृ दोष है, जिससे इंदौर का विकास रुका हुआ है। इसके निवारण के लिए पितृ पर्वत पर भगवान श्रीहनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कराने से ये दोष मुक्त हो जाएगा। जिसके बाद उन्होंने ये संकल्प ले लिया कि वे पितृ पर्वत पर भगवान श्री हनुमान जी की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित कराएंगे और जब तक काम पूरा नहीं हो जाता तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। अब इंदौर में पितृ पर्वत पर 72 फीट ऊंची और 108 टन वजन की अष्टधातु से निर्मित भगवान श्री हनुमान जी की प्रतिमा विराजित की गई है। इस पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। हुनमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के साथ महामंडलेश्वर जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज,संत मुरारी बापू और वृंदावन से महामंडलेश्वर गुरुशरणानंदजी महाराज की उपस्थित में कैलाश विजवर्गीय 20 साल बाद अन्न ग्रहण कर रहे हैं।
संकल्प के दौरान विजयवर्गीय ने अन्न के रूप में गेहूं ,चावल, मक्का ,ज्वार, बाजरा, दालें छोड़ दी थी और वे केवल राजगीरा, साबूदाना, मोरधन, समा के चावल या फल ही खाया करते थे। संकल्प को पूरा करने के लिए उनकी पत्नी आशा विजयवर्गीय ने मदद की और उन्हें केवल यही सामग्री भोजन में दी।