बुधवार से प्रारंभ होगा नया संवत्सर और चैत्र नवरात्रि, इस मुहूर्त में करें घटस्थापना
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष अर्थात नव संवत्सर प्रारम्भ होता है
शास्त्रों के अनुसार ‘प्रमादी’ नामक नव संवत्सर आरम्भ हो रहा है। इसी दिन से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, वहीं महाराष्ट्र में गुडी पडवा भी इसी दिन मनाया जाता है। साल के दो गुप्त और दो नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। कोई भी काम शुरू करने के लिहाज से नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्रि में नौ दिन माता की पूजा अर्चना की जाती है।
वैसे तो पूरे दिन किसी भी समय घटस्थापना कर सकते हैं
लेकिन दिन में 11 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक कलश स्थापना अच्छा मुहूर्त है। सूर्य सिद्धान्त पर आधारित गणना के आधार पर उदया तिथि को ही नव संवत्सर की शुरुआत मानी जाती है इसी कारण 25 मार्च 2020 दिन बुधवार को भारतीय संस्कृति का सर्वमान्य नववर्ष अर्थात् नव संवत्सर 2077 की शुरुआत होगी | यह प्रभवादि षष्टि संवत्सर चक्र का 47वाँ संवत्सर है।
शास्त्र सम्मत ऐसी मान्यता है कि सृष्टि रचयिता परम पिता ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना की थी। अतः इसी को आधार मानकर काल गणना का सिद्धान्त चलता है | चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को जो दिन या वार पड़ता है वही उस संवत्सर का राजा होता है और सूर्य की मेष संक्रांति जिस दिन होती है उस दिन से संवत्सर के मंत्री पद का निर्धारण होता है। इस नव संवत्सर में राजा का पद बुध को एवं मंत्री का पद चंद्र को प्राप्त हो रहा है। यह संवत्सर साधारण एवं शुभ फलप्रदायक होगा। जनता एवं समाज में सौम्यता, स्थिरता बनी रहेगी, राजनीतिक दलों सहित समस्त संस्थाओं द्वारा किया गया कार्य-योजना जनता के हित में होगा | प्रमादी नामक इस संवत्सर के राजा बुध है, अतः आम जन मानस के सहयोगी संवत्सर के रूप इस संवत्सर की गणना की जाएगी। शासन तंत्र अपना कार्य कर पाने में सफल होगा और धार्मिक क्रिया कलापों में सामान्य वृद्धि होगी..!
नवरात्रि कैसे मनाए और किन सावधानी के साथ इस उत्सव को पूर्ण करें
सभी देशवासियों को चैत्र नवरात्र की हार्दिक बधाइयां आज हम ग्रीष्म ऋतु में आने वाली नवरात्रि अर्थात कल से शुरू होने वाले पर्व नवरात्रि के बारे में आज आपको बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं तो एक बार माता रानी का ध्यान कर लीजिए
नवरात्रि 9 दिन के लिए होती है इस नवरात्रि में 9 दिन नकारात्मक शक्तियों से माता भगवती माता दुर्गे अपने नौ रूपों में विद्यमान होगा असुरी शक्तियों से लड़ती है और अपने भक्तों को रक्षा प्रदान करती है इन नवरात्रों में साधक अपनी साधना में विलीन होकर रिद्धि सिद्धि और यश प्राप्त करता है
➡️नवरात्रों में हमें क्या करना चाहिए ?
नवरात्रि पर्व में साधकों को अभीष्ट सिद्धि या किसी मनोकामना पूर्ण करने के लिए ऐसा क्या करना चाहिए जिससे देवी की कृपा आप पर प्राप्त हो और आप नवरात्रि पर्व का अपने और जनकल्याण के हित में उपयोग कर सकें.
➡️( 1)…. इस विशेष पर्व में नवरात्रि के व्रत रखने चाहिए
➡️ ( 2.)… नवरात्रि में कन्या भोज करवाना चाहिए
➡️ (3)….. दुर्गा शक्ति दुर्गा सप्तशती का पाठ विधि विधान से करना चाहिए
क्या ना करें इन 9 दिनों में
➡️ मद्यपान शराब का प्रयोग एवं मांस और तामसिक भोजन का प्रयोग ना करें
➡️ दोपहर में ना सोए जो साधक साधना है कर रहे हैं वह दोपहर में सोना वर्जित है
➡️ प्याज लहसुन का भोजन में प्रयोग ना करें
➡️ महिलाओं अपमान ना करें
इस मंत्र का जाप अवश्य प्रतिदिन करें
सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ए अंबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते
विशेष सलाह
साधना एवं पूजन एकांत में करें और सभी देशवासियों से अपील भी करते हैं की अपने घर पर रहकर ही पूजन पाठ करें एवं कोरोना के इस खतरे से दूर रहने के लिए सरकार के दिए गए दिशा निर्देशों का पालन जरूर करें फिर से एक बार सभी को चैत्र नवरात्रि की हार्दिक हार्दिक बधाइयां माता रानी विश्वमंगल करें एवं समस्त रोगों का नाश कर चराचर जगत को इस समस्या से निदान दे ऐसी मंगल कामना के साथ हम आज का लेख प्रस्तुत कर रहे हैं
ज्योतिषाचार्य
कुशाल साहू
भोपाल मध्य प्रदेश
संपर्क सूत्र
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