प्रधानमंत्री मंत्री किसान सम्मान निधि योजनाओं को लगा रहे हैं पलीता

 

 

*प्रधानमंत्री मंत्री किसान सम्मान निधि योजनाओं को लगा रहे हैं पलीता*

देश के किसानों को राहत प्रदान करने हेतु देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रत्येक किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में ₹10000 की राशि उपलब्ध कराई गई!
उपलब्ध राशि उपरांत तहसील स्तर पर तहसीलदार के हस्ताक्षर से पटवारियों के माध्यम से कुछ किसानों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं और नोटिस में उल्लेखित किया जा रहा है कि जो राशि आपके खाते में डाली गई है उक्त राशि को वापिस प्रधानमंत्री (पीएओ) के नाम राष्ट्रीय कृत बैंक से डीडी बनवा कर तहसील कार्यालय में जमा करें ऐसा नहीं करने पर आर्थिक दंडनीय अपराध माना जाकर आपके ऊपर कारवाई की जाएगी!
उक्त तरह के प्राप्त नोटिस से कई किसान भयभीत हैं !
और जिन किसानों को इस तरह के नोटिस प्राप्त हुए हैं वह तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे लेकिन उनकी समस्याओं को नहीं सुनकर राशि जमा करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है !इन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं उन किसानों की अन्य कृषि संबंधी समस्याओं का निदान यह कहकर नहीं किया जा रहा है कि पहले जो राशि जमा करने का नोटिस दिया है और राशि जमा करें इसके बाद ही अन्य समस्याओं का निदान किया उस पर चर्चा की जाएगी!
इस कार्य में तहसील कार्यालय के नोटिस के साथ-साथ हलके के पटवारियों के माध्यम से भी दबाव बनाया जा रहा है और किसानों को डराया जा रहा है!
नोटिस में उल्लेखित किया जा रहा है कि आप पात्र नहीं होने के बाद भी आपने राशि प्राप्त कर ज्यादातर नोटिस में आयकर रिटर्न भरने का उल्लेख किया गया है और कहीं पर कर्मचारी होने का उल्लेख किया गया !
केंद्र सरकार की नीति रीती एवं आयकर विभाग की गाइड लाइन के अनुसार देश का हर नागरिक जिसके पास बैंक खाता है उसके पास पैन कार्ड होना और आयकर रिटर्न भरना आवश्यक है जिसके पास पैन कार्ड है और यदि वह आयकर रिटर्न नहीं भरता है तो आयकर विभाग के आयकर अधिनियमों के तहत दंड नहीं है !
पेनकार्ड हर उस व्यक्ति को बनाए जाने का और बनवाने का अधिकार है जो इस देश का नागरिक है!
आयकर रिटर्न भरना नौकरी करना संवैधानिक प्रक्रिया है और रिटर्न भरना नौकरी करना नौकरी करने के बाद मिलने वाली वेतन आयकर अधिनियम के तहत प्राप्त कुल राशि टैक्स के दायरे में नहीं आना ! प्राप्त छूट के दायरे में ही राशि प्राप्त होना पर!
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित करने का कोई वैधानिक औचित्य नहीं है !
केवल प्रधानमंत्री सम्मान निधि जो प्रधानमंत्री जी द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना है उस पर पलीता लगाने जैसी कार्रवाई है !
इस कार्रवाई को तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए !
और जिन किसानों को इस तरह के नोटिस जारी किए गए हैं नोटिस ओं को वापस लेकर किसानों के सम्मान को बरकरार रखा जाना चाहिए !
यदि यह सब नहीं होता तो निश्चित रूप से देश के कई किसान जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की किसान हितैषी नीतियों का गुणगान करते हैं लाभ प्राप्त कर खुश है वह सब के सब संपूर्ण स्थिति के कारण एकजुट होकर आंदोलन अगर होने पर मजबूर हो सकते हैं !
*यह उल्लेखित निवेदन उन किसानों की भावना है जिनको तहसील कार्यालय उसे तहसीलदारों के हस्ताक्षर से नोटिस प्राप्त हो चुके हैं!*
*प्राप्त नोटिस के कारण से भयभीत डरे सहमे हुए हैं*
*श्याम सुन्दर शर्मा

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