सुदूरवर्ती ग्रामीण अंचलों, कस्बों और जिला स्तर पर दबी-छुपी खेल प्रतिभाओं का चयन करने और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश में एक अगस्त, 2021 से प्रतिभा चयन कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। खेल विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के समन्वित प्रयासों से जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर होने वाले टेलेंट सर्च, (प्रतिभा चयन कार्यक्रम) के संबंध में आज एनआईसी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग आयोजित की गई। वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रदेश के समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों, जिला खेल अधिकारी, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों को संचालक खेल और युवा कल्याण पवन जैन, आयुक्त स्कूल शिक्षा श्रीमती जयश्री कियावत, डिप्टी कमिश्नर आदिम जाति सुश्री रीता सिंह एवं उप संचालक स्कूल शिक्षा आलोक खरे द्वारा दिशा-निर्देश दिए गए। इस अवसर पर संयुक्त संचालक खेल डॉ. विनोद प्रधान एवं बी.एस. यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
वीडियो कांफ्रंेसिंग में खेल संचालक पवन जैन ने जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला खेल अधिकारियों और स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से जिलों की खेल गतिविधियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और कहा कि टेलेन्ट सर्च के लिए सुविधाजनक स्थल (मैदान) का चयन करें। प्रथम चरण में जिला स्तर पर खिलाड़ियों का फिजिकल टेस्ट (शारीरिक परीक्षण) एवं संभाग स्तर पर स्किल टेस्ट (कौशल परीक्षण) किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेलेन्ट सर्च के लिए जिलों को आवश्यक सामग्री, धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में खेल संचालक पवन जैन ने बताया कि 1 से 10 अगस्त तक जिला स्तर पर तथा 11 से 20 अगस्त, 2021 तक संभाग स्तर पर टेलेन्ट सर्च कार्यक्रम स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के सहयोग से संचालित किया जाएगा। उन्होंने टेलेन्ट सर्च से पूर्व जिला स्तर पर गठित समिति की बैठक आयोजित करने और आवश्यक तैयारी पूर्ण करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि अधिक से अधिक खेल प्रतिभाआंे की पहचान के लिए टेलेन्ट सर्च कार्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने बताया कि टेलेन्ट सर्च के लिए भारतीय ख्ेाल प्राधिकरण (साई) सहित अन्य राज्यों के नार्म्स को शामिल करते हुए तैयार किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रतिभा चयन कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेलेन्ट सर्च से संबंधित जरूरी पैम्पलेट एवं लघु वृत्तचित्र आदि सामग्री जिलों को शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
खेल संचालक पवन जैन ने शिवपुरी, सागर, सतना, उज्जैन, धार, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, जबलपुर, विदिशा, पन्ना आदि जिलों में उपलब्ध खेल अधोसंरचनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों को एक्सीलेन्स सेन्टर के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि चयनित खेल प्रतिभाओं को इसका लाभ मिल सके।
कोई प्रतिभा छूटने न पाए
आयुक्त स्कूल शिक्षा श्रीमती जयश्री कियावत ने टेलेन्ट सर्च कार्यक्रम को खेल प्रतिभाओं के लिए एक स्वर्णिम अवसर बताते हुए अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रतिभा चयन कार्यक्रम की जानकारी पहंुचाने के लिए सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया का सहयोग लिया जाए। साथ ही सूचना के सभी माध्यमों का उपयोग किया जाये ताकि कोई भी प्रतिभा टेलेन्ट सर्च कार्यक्रम में शामिल होने से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि 26 जुलाई से स्कूल खुलंेगे और स्कूलों में पैम्पलेट लगाकर बच्चों को टेलेन्ट सर्च की जानकारी दी जाए।
आदिम जाति विभाग की डिप्टी कमिश्नर सुश्री रीता सिंह ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि सुदूरवर्ती अंचलों में अनेक प्रतिभाएं हैं और इन खेल प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए सभी अधिकारी टीम भावना से कार्य कर खेल विभाग के टेलेन्ट सर्च कार्यक्रम को परिणामदायी बनाएं।
संयुक्त संचालक खेल डॉ. विनोद प्रधान ने बताया कि टेलेन्ट सर्च के लिए खिलाड़ियों के रजिस्टेªशन हेतु गूगल फार्म की लिंक सभी जिलों को भेजी जा रही हैं।