महू के ख्यात उद्योगपति और पाथ इंडिया के डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल के पातालपानी स्थित फार्म हाउस पर 31 दिसंबर को मनाई जा रही पार्टी मातम में बदल गई। अग्रवाल अपनी पत्नी, बेटी, दामाद, पोते व मुंबई में रहने वाले तीन रिश्तेदार के साथ फार्म हाउस गए थे। यहां बने टॉवर में लगी कैप्सूल लिफ्ट में उतर रहे थे। लिफ्ट 70 फीट ऊंचाई पर पहुंची तभी वह पलट गई। सभी नीचे आ गिरे। मंगलवार शाम 5.30 बजे हुए इस दर्दनाक हादसे में 53 वर्षीय उद्योगपति पुनीत, उनकी 27 वर्षीय बेटी पलक, 28 वर्षीय दामाद पलकेश अग्रवाल, 3 वर्षीय पोता नव, मुंबई में रहने वाले पलकेश के 40 वर्षीय जीजा गौरव अाैर 11 वर्षीय बेटे आर्यवीर की मौत हो गई। गौरव की पत्नी निधि गंभीर हैं।
महू एएसपी धर्मराज सिंह मीणा के अनुसार पाथ इंडिया के डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल अपने परिवार के साथ फार्म हाउस पर पिकनिक मनाने पहुंचे थे। शाम को परिवार के सात सदस्यों के साथ फार्म हाउस के टावर पर लगी लिफ्ट पर प्राकृतिक नजारे देखने के लिए चढ़े। उतरते वक्त करीब 70 फीट की ऊंचाई पर से अचानक लिफ्ट पलट गई और सभी लोग धड़ाधड़ एक-दूसरे के ऊपर जा गिरे। वहां मौजूद कर्मचारियों ने घटना के बाद पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। पहले उन्हें महू के मेवाड़ा अस्पताल, फिर चोइथराम अस्पताल में रैफर किया गया। जहां रात को 6 लोगो की मौत की पुष्टि की गई। बताया जा रहा है कि यह लिफ्ट फार्म हाउस का चौकीदार कैलाश रिमोट से ऑपरेट कर रहा था। घटना के वक्त पुनीत का बेटा निपुन टावर में ऊपर ही रुक गया था और पत्नी नीचे सभी के आने का इंतजार कर रही थीं। रिश्तेदारों के अनुसार पुनीत अग्रवाल की बहू गर्भवती है। इसलिए वह घर पर ही रुक गई थी।
2700 लेन हाईवे बना चुकी है पुनीत की पाथ इंडिया कंपनी
प्रकाश एस्फॉल्टिंग्स एंड टोल हाईवे इंडिया लिमिटेड यानी पाथ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल की गिनती देश के उन कॉन्ट्रैक्टर में होती है जिन्हें पीपीपी मॉडल का पायोनियर कहा जाता है। जब सरकारों ने पीपीपी मॉडल लॉन्च किए तो पुनीत अग्रवाल जैसे चुनिंदा लोग ही थे जो आगे आए और इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। उनकी कंपनी का नाम देश की अग्रणी कंपनियों में शामिल था। उनकी कंपनी पाथ इंडिया बीओटी, ओएमटी बेसिस पर सड़क, पुल और टोल परियोजनाओं के निर्माण, रखरखाव और संचालन में देश में पहले नंबर पर है। सिंहस्थ 2004 के समय इंदौर में एमआर-10 पर पीपीपी प्रोजेक्ट के तहत पहला रेलवे ओवरब्रिज बनाने वाले पुनीत ने बाद में सबसे महती योजना इंदौर-खलघाट नेशनल हाईवे का काम किया। उनकी कंपनी अब तक 2700 लेन हाईवे और करीब 3000 हाईवे बना चुकी है। यह आठ राज्यों में 250 से अधिक टोल लेन पर काम कर रही है।
इंदौर वासियों के मार्ग इन्होंने ही सुगम किए
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाव विजयवर्गीय ने कहा कि मैं अभी द्वारिका में हूं। यहां मुझे इस दुखद घटना की जानकारी मिली है। उनके परिवार के छह लोगों की मौत हुई है। मेरे बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय अभी वहीं मौजूद हैं। पुनीत अग्रवाल अच्छे समाजसेवी, अच्छे व्यवसायी और दोस्त थे। मेरे उनके पारिवारिक संबंध थे। वर्ष 2004 में सिंहस्थ के दौरान महू-मंडलेश्वर रोड उन्होंने ही बनवाई थी, जिसकी बदौलत आज जाम गेट तक लोग आसानी से जा पाते हैं। इसके अलावा एमआर 10 पर पहला रेलवे ओवरब्रिज, महती परियोजना इंदौर-खलघाट नेशनल हाईवे में भी उनका योगदान रहा है। साथ ही जयपुर-रींगस के बीच फोरलेन रोड, झांसी-उरई रोड, आगरा-ग्वालियर रोड जैसे कई नेशनल हाईवे के काम किए हैं। दरअसल, पुनीत ऐसे कॉन्ट्रैक्टर थे, जो किसी भी अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करते थे। जो काम कोई नहीं कर सकता था उसे पुनीत पूरा कर देते थे।