पश्चिम बंगाल बिहार की हिंसा और पाकिस्तान के हालात

 

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रामनवमी पर भारत के पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में जो हिंसा हुई उसे पूरा देश देख रहा है। हिन्दू और मुसलमान आमने सामने देखे गए। कुछ राजनेताओं का कहना रहा कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से हिन्दुओं का धार्मिक जुलूस नहीं निकलना चाहिए। वहीं कुछ नेताओं का कहना रहा कि रामनवमी के जुलूस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आक्रमण किया। जाहिर है कि धार्मिक भावनाओं को लेकर दोनों राज्यों में हिंसा हुई है। जो लोग इस हिंसा में शामिल हैं उन्हें पाकिस्तान के हालात देखने चाहिए। पाकिस्तान भी हमारे साथ ही आजाद हुआ था, लेकिन आज पाकिस्तान भुखमरी और कंगाली के दौर से गुजर रहा है। इसका प्रमुख कारण पाकिस्तान में धार्मिक उन्माद है। पाकिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है और जब कभी हिंसा होती है तो मुसलमान ही मारे जाते हैं। जो लोग पश्चिम बंगाल और बिहार में धर्म के नाम पर हिंसा कर रहे हैं वे बताएं कि पाकिस्तान में क्या हिन्दू समुदाय के लोग मर रहे हैं? पाकिस्तान में बम से मुसलमान ही मारे जा रहे हैं। आज पाकिस्तान के हालात इतने खराब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भी बुलेट प्रूफ बैलिस्टिक शील्ड पहन कर अपनी सुरक्षा करनी पड़ रही है। जबकि भारत में ऐसी स्थिति नहीं है। ऐसा नहीं कि भारत में सभी स्थानों पर रामनवमी के जुलूस में हिंसा हुई। अधिकांश देश में रामनवमी के जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकले। मुसलमानों की अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में भी रामनवमी के जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकले हैं। यह जुलूस मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से भी गुजरे, लेकिन उत्तर प्रदेश में कहीं कोई पथराव और आक्रमण नहीं हुआ। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि उनके राज्यों में रामनवमी के जुलूस पर आक्रमण क्यों हुआ? साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल यदि किसी को देखना है तो अजमेर आकर देख सकते हैं। यहां ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर से हिन्दू समुदाय का कोई जुलूस निकलता है तो उस पर मुस्लिम समुदाय के लोग फूल बरसाते हैं। दरगाह के प्रमुख खादिम सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी तो प्रतिवर्ष चेटीचंड के जुलूस में शामिल एक हजार हिन्दुओं के सिर पर पगड़ी बांधते हैं। यह माना कि ममता बनर्जी और नीतीश कुमार को वोटों की चिंता है, लेकिन इन दोनों मुख्यमंत्रियों को भी पाकिस्तान के हालातों से सबक लेना चाहिए। पाकिस्तान में हिन्दू-मुसलमानों का झगड़ा नहीं बल्कि मुसलमानों का मुसलमानों से ही संघर्ष है।

S.P.MITTAL

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