परीक्षा फीस के बहाने बेरोजगारों को लूटने में लगी पीएससी …..

 

 

मप्र के सौ प्रतिशत बच्चों को नौकरी देने का वादा भी झूठा निकला
क्या 25 हजार लेट परीक्षा फीस चुका सकता है बेरोजगार?
बेशर्म फैसलों पर रोक लगाये सरकार: भूपेन्द्र गुप्ता
 
भोपाल, 22 फरवरी 2021,
 
मध्यप्रदेश के पंजीकृत 30 लाख से अधिक शिक्षित बेरोजगारों में आत्मनिर्भर होने की उम्मीद में बैंक से लोन लेने बालों के ऋण पर रोक लगाकर सरकार बेरोजगारों को पहले ही ढेंगा दिखा चुकी है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि अब यह सरकार मध्यप्रदेश सिविल सर्विस का सपना पालने वाले गरीब आवेदकों पर फीस बम फोड़.रही है। 
गुप्ता ने कहा कि सामान्य परीक्षार्थी के लिये इस परीक्षा की निर्धारित फीस आठ सौ रुपये है,लेकिन पीएस सी के नये नैटिस जो उनकी वेवसाईट पर मौजूद है के अनुसार अभी भी परीक्षार्थी 25 हजार रुपये की विलंब फीस के साथ इस परीक्षा का फार्म भर सकता है।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि वास्तविक फीस से तीस गुना अधिक फीस लगाकर सरकार गरीब बच्चों को समान अवसर के लाभ से वंचित कर रही है या किसी विशिष्ट या पूर्व से ही उपकृत किसी आवेदक को लाभ पहुंचाने के लिये यह फैसला लिया गया है।
उन्होने सरकार से पूछा है कि मुख्यमंत्री के मध्यप्रदेश के निवासियों को 100 प्रतिशत नौकरी देने के वादे का क्या हुआ?इन नौकरियों के विज्ञापन में भी सरकार के इस वादे की पोल खुल गई है।
गुप्ता ने कहा कि वैसे तो यह सरकार ही घोटालों में मास्टर है किंतु उसे कम से कम बेरोजगार बच्चों की जेब काटने से बचना चाहिये।
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