पंचायतों को जवाबदेह बनाएगा निर्णय एप, पंचायत सचिव को ग्राम सभा की कार्यवाही का वीडियो करना होगा अपलोड

पंचायतों को जवाबदेह बनाएगा निर्णय एप, पंचायत सचिव को ग्राम सभा की कार्यवाही का वीडियो करना होगा अपलोड

नई दिल्ली। ग्राम सभा की खानापूर्ति कर निर्णयों या संकल्पों को फाइल में दफन करना अब संभव नहीं होगा। अब यह ग्रामीणों को भी पता होगा कि ग्राम सभा में क्या-क्या मुद्दे उठे या क्या निर्णय हुए।

इसके लिए उन्हें पंचायत कार्यालय के अधिकारियों या बाबुओं से दस्तावेजी सुबूत के लिए चक्कर नहीं लगाने होंगे। वे स्मार्टफोन में डाउनलोड ‘निर्णय’ एप से पूरी कार्यवाही सरल भाषा में वीडियो के माध्यम से जान सकेंगे।

इस पारदर्शी व्यवस्था से पंचायतों को जवाबदेह बनाने का प्रयास है, ताकि ग्रामीण निर्णयों के पालन आदि के बारे में प्रश्न कर सकें। मोदी सरकार गांवों के समग्र विकास के लिए पंचायतों को पारदर्शी बनाने के लिए प्रयासरत है। इस प्रयास को अधिक सार्थक बनाने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय ने डिजिटल तकनीक को माध्यम बनाया है।

हाल ही में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने नेशनल इनिशिएटिव फार रूरल इंडिया टू नेविगेट, इनोवेट एंड रिजाल्व पंचायत डिसीजन (निर्णय) एप का उद्घाटन किया है। सरकार चाहती है कि गांवों के समग्र विकास का जो लक्ष्य है, उसे प्राप्त करने में ग्रामीण भी भागीदार बनकर निगरानी कर सकें और पंचायतों के पुराने ढुलमुल रवैये को समाप्त किया जाए।

मंत्रालय के उपसचिव अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि निर्णय एप का लागिन-पासवर्ड पंचायत सचिव और ब्लाक सचिव को दिया जा रहा है। अब तक लगभग ढाई लाख लागिन-पासवर्ड बनाए जा चुके हैं। यह दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को वर्ष में छह ग्राम सभाएं अवश्य करनी होंगी।

इनके विषय होंगे महिला एवं स्वयं सहायता समूह, बाल एवं युवा कल्याण, आजीविका एवं रोजगार, ग्रामीण स्थानीय निकाय में आधारभूत अवस्थापना, आपदा एवं मौसमी चुनौतियां और वित्तीय आत्मनिर्भरता। समग्र विकास की इन छह ग्राम सभाओं में जो भी संकल्प या निर्णय लिए जाएंगे, उनका वीडियो बनाकर ग्राम सचिव उक्त तिथि का उल्लेख करते हुए वीडियो एप पर अपलोड करेंगे। वीडियो मंत्रालय द्वारा तय मानकों के अनुरूप पूरी जानकारी देने में सक्षम है या नहीं, उसमें कुछ अनर्गल या तथ्यात्मक गलती तो नहीं, इसकी पुष्टि अपने लागिन से ब्लॉक सचिव करेंगे। उनके द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद ही ग्राम सभा की कार्यवाही एप के माध्यम से पब्लिक डोमेन में आएगी।

उपसचिव ने बताया कि ग्रामीणों को किसी लागिन-पासवर्ड की जरूरत नहीं है। कोई भी ग्रामीण उस एप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड कर ग्राम पंचायत का नाम और ग्राम सभा की तिथि चुनकर संबंधित ग्राम सभा की कार्यवाही की जानकारी ले सकेगा।

सरकार का मानना है कि इससे पंचायतें कोई भी निर्णय छिपा नहीं सकेंगी। जागरूक ग्रामीण उचित मंच पर प्रश्न कर सकेंगे कि उस बैठक में यह निर्णय हुआ था, उसके पालन की क्या स्थिति है। चूंकि, डिजिटल रूप में कार्यवाही का सुबूत ग्रामीणों के पास होगा, इसलिए पंचायतों के अधिकारी इन्कार नहीं कर सकेंगे और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस एप को क्लॉउड कम्प्यूटिंग से जोड़ा गया है, इसलिए वीडियो देखने में ग्रामीणों को कोई समस्या नहीं होगी। इसके अलावा जल्द ही इस एप का प्रयोग देश की सभी पंचायतों में सुगमता से हो सके, इसलिए पंचायत और ब्लाक के सचिवों के प्रशिक्षण की रूपरेखा भी बनाई जा रही है।

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