भोपाल। समाज के ऐसे तबके के लोग जो दिव्यांग है, निराश्रित है और सरकार की निराश्रित निधि पर जीवन यापन कर रहे है। उन गरीबों के हक का 750 करोड़ पर कमलनाथ सरकार अपनी असफलताओं पर पर्दा डालने के लिए उपयोग कर रही है। जो कि बेहद निंदनीय है। प्रदेश सरकार का यह कृत्य निराश्रित, असहाय और निशक्तजनों के हक पर डाका है। साथ ही यह गरीब विरोधी कदम है। यह बात नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश सरकार द्वारा 750 करोड़ की निराश्रित निधि का उपयोग अन्यत्र किये जाने आपत्ति दर्ज करते हुए कही।
कमलनाथ सरकार द्वारा निराश्रित और निशक्त जनों के लिए आश्रम और रेन बसेरे, डे केयर सेंटर खोलने पर खर्च की जाने वाली निराश्रितों के हक के 750 करोड़ रुपये अन्यत्र खर्च कर दिए है। जिससे प्रदेश के वृद्धजन निराश्रित के लालन-पालन के लाले पड़ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा का वचन देने वाली कमलनाथ सरकार निराश्रितओं के हक छीनने में लगी हुई है।
कांग्रेस ने झूठे वचनों से हर वर्ग को छला
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने के लिए ऐसे सारे वचन जनता से किये जो वह सपने में भी पूरा नहीं कर सकती थी। अब वही झूठे वचन कमलनाथ सरकार के गले की हड्डी बन गए है। कांग्रेस सरकार इन वचनों को न उगल पा रही है न निगल पा रही है। कांग्रेस ने झूठे वचनों से हर वर्ग को छलने का काम किया है। कमलनाथ सरकार के मनमाने निर्णय से किसान, युवा, वृद्धजन, निराश्रित, हर वर्ग परेशान है।
दिव्यांगों के हक पर भी सरकार की गिद्ध नजर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि निशक्तजन और वृद्धजनों के लिए प्रदेश के कृषि उपज मंडियों में बिक्री पर 0.2 फ़ीसदी की दर से निराश्रित सहायता राशि ली जाती है। इस राशि से निराश्रित और निशक्त जनों के लिए, आश्रम फुटपाथ पर निवास करने वाले या सोने वाले के लिए, रैन बसेरे, डे-केयर सेंटर, निशक्त जनों के लिए आवासीय, गैर आवासीय स्कूल, रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण केंद्र खोले जाते है। सरकार ने 750 करोड़ की यह निराश्रित राशि निकाल कर उन्हें दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर कर दिया है। यह बड़े शर्म की बात है कि कांग्रेस ने दिव्यांगों के हक का पैसा भी नहीं छोड़ा। सरकार असहाय वृद्धजनों के हक पर भी गिद्ध नजर लगाएं बैठी थी।
आदेश को पलट कर गरीबों का हक मारा
नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा कि जब मैं सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री था। तब इस निधि को अन्यत्र खर्च नहीं किए जाने के आदेश दिए थे। लेकिन कमलनाथ सरकार ने गरीबों का हक मारने के लिए इन आदेशों को पलट दिया है। सरकार के इस निर्णय से निशक्तजन फुटपाथ पर निवास करने वाले निराश्रित को दर-दर की ठोकरे खाने पड़ेगी।