धीरेंद्र शास्त्री जी! बचाईए खुद को इस चकाचौंध से….

 

 

– छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम प्रमुख आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने जितने कम समय में सोहरत की बुलंदियों को छुआ है, उसी तरह उनका वविादों से भी नाता रहा है। सच कहें तो शास्त्री जी में शिखर पर पहुचंने का दंभ दिखने लगा है, वे राजनीतिक चकाचौंध के आगोश में भी फंस रहे हैं। दंभोक्ति ऐसी कि वे किसी को भी चुनौती देते और मसल देने जैसी भाषा का इस्तेमाल करते नजर आते हैं। राजनीतिक चकाचौंध इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे राजनेता उन्हें दंडवत कर उनके मंच से लोगों को संबोधित करने लगे हैं। उनके अनुयायी ही कहने लगे हैं कि एक कथावाचक, विद्वान के लिए ये ठीक नहीं। संत तुकाराम और भगवान सहस्त्रबाहु के लिए उनकी टिप्पणियां भी लोगों को पसंद नहीं आर्इं। इनके कारण समाज का एक बड़ा वर्ग गुस्से से भर गया। शास्त्री जी को इसके लिए बार-बार माफी मांगनी पड़ी। वे माने या न माने लेकिन एक दलित की शादी में उनके भाई द्वारा मचाए गए उत्पात, जमीन पर कब्जे को लेकर लोगों के विरोध, पिछड़े वर्ग के कुछ नेताओं द्वारा बेवजह उलझने जैसी घटनाओं के कारण भी शास्त्री जी की साख पर बट्टा लगा है। आचार्य जी को चाहिए कि वे विवादों में उलझने की बजाय अपने काम पर फोकस रखें। यही उनके भविष्य के लिए ठीक है।

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