भारत की पहचान दुनिया के दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के तौर पर होती है. लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक भारत की कुल प्रजनन दर (TFR), प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 2.2 से घटकर 2 हो गई है. 2019-21 के आंकडों के अनुसार देश के शहरों में प्रजनन दर 1.6 फीसद रह गई है, जबकि गांवों में यह 2.1 फीसद है. इस डाटा का सीधा मतलब यह है कि हमारे देश के युवा उतने बच्चे भी पैदा नहीं कर रहे हैं, जो आगे चलकर उनकी जगह ले सके । वर्ष 2021 में भारत में पहली बार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा दर्ज की गई. National Family Health Survey के अनुसार, अब देश में 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं. आजादी के बाद पहली बार ये रिकॉर्ड बना है जब पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आबादी से अधिक हो गई है ▪️