जिनेवा (एएफपी/रायटर)। पूरी दुनिया में बढ़ते डेल्टा वैरिएंट को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बार फिर से चेतावनी दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि आने वाले कुछ माह के अंदर ये जानलेवा वैरिएंट और अधिक प्रभावी हो जाएगा। गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट का पहला मामला भारत में सामने आया था। इसके बाद से ये अब तक दुनिया के करीब 124 देशों में फैल चुका है।
अमेरिका में सामने आने वाले करीब 80 फीसद मामलों के लिए यही वैरिएंट जिम्मेदार है। वहीं ब्रिटेन समेत कई अन्य यूरोपीय देशों का भी यही हाल है। दक्षिण कोरिया में इसकी वजह से लगातार मामले बढ़ रहे हैं। कल वहां पर जहां 1700 से अधिक मामले सामने आए थे वहीं आज 1800 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसी तरह से ईरान में भी नए मामले एक नया रिकॉर्ड बना रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एक सप्ताह में डेल्टा वैरिएंट के मामले 13 अन्य देशों में सामने आए हैं। कई बड़े देशों में लगातार तीन सप्ताह से इसके मामले बढ़े हैं। संगठन की तरफ से दी गई महामारी की अपडेट में इस संभावना से इनकार नहीं किया गया है कि आने वाले समय में कोरोना वायरस के कुछ और वैरिएंट भी सामने आएं और दुनिया में डोमिनेंट बन जाएं।
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एल्फा, जिसका पहला मामला ब्रिटेन में सामने आया था, बीटा जिसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था और गामा वैरिएंट जिसका पहला मामला ब्राजील में सामने आया था, को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में रखा हुआ है। संगठन की अपडेट जानकारी के मुताबिक एल्फा अब तक दुनिया के 180 देशों में, बीटा वैरिएंट करीब 130 देशों में और गामा करीब 78 देशों में फैल चुका है।
ऑस्ट्रेलिया भी डेल्टा वैरिएंट के चपेट में है। मंगलवार को यहां 110 नए मामले सामने आए थे जबकि बुधवार को ये बढ़कर 124 हो गए हैं। सरकार की चिंता इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि यहां के तीन शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है। इसके बाद भी यहां पर मामले बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने चेतावनी भी जारी की है। गौरतलब है कि सिडनी में चार सप्ताह से लॉकडाउन लगा हुआ है। जबकि विक्टोरिया में करीब दो सप्ताह से सब कुछ बंद है।
रायटर के मुताबिक मैक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एबरार्ड ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट की वजह से देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर को गैर जरूरी ट्रैवल के लिए खोलने के बाद हालात अधिक खराब हुए हैं। बुधवार से अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से लगती सीमा को नॉन इसेंशियल ट्रैवल के लिए बंद कर दिया है। हालांकि यहां पर इस बात को लेकर अभी बहस चल रही है कि आने वालों के लिए कोविड-19 वैक्सीन लगवाना जरूरी किया जाए या नहीं।