दीवाली पर गिफ्ट दें लेकिन नियम समझकर: कहीं टैक्स देनदारी न बन जाए

 

 

१ जुलाई २०२२ से टीडीएस की धारा १९४ आर के अंतर्गत कोई भी ऐसी गिफ्ट जिसकी कीमत २००००/- रुपए से अधिक है और यदि आप उसे व्यापारिक ख़र्च में क्लेम कर रहे हैं तो आपको उस पर गिफ्ट लेने वाले का पेन नं इंगित करते हुए १०% आयकर कटौती करनी होगी.

इसके अलावा गिफ्ट के जो नियम है, वे इस प्रकार है:

१. गिफ्ट पर लगने वाला इनकम टैक्स किसी एक गिफ्ट पर नहीं लगता है, बल्कि यह एक वित्त वर्ष में मिले कुल गिफ्ट पर लगता है।

२. अगर करदाता को गिफ्ट उसकी शादी पर दोस्तों या रिश्तेदारों से मिले हैं तो इन पर आयकर नहीं देना होगा। लेकिन ये गिफ्ट एक वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 50000 रुपये से ज्यादा के नहीं होने चाहिए। यानी अगर साल भर में आपको 50 हजार रुपये से अधिक के गिफ्ट मिले हैं तो आपको इनकम टैक्स चुकाना होगा।

३. ऐसा नहीं होगा कि अगर आपको एक गिफ्ट 51 हजार का मिला है तो उस पर टैक्स लगेगा और दूसरा गिफ्ट अगर 40 हजार रुपये का है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। ऐसी स्थिति में आपको पूरे 91 हजार के गिफ्ट पर टैक्स चुकाना होगा।

४. इसके अलावा एक शर्त यह भी है कि गिफ्ट शादी की तारीख या उसके आस-पास की तारीख पर मिलने चाहिए, न कि साल-छह महीने बाद।

५. आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है।

६. चेक या कैश में मिली 50000 रुपये से ज्यादा की धनराशि

७. जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50000 रुपये से ज्यादा हो

८. 50000 रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें

९. अचल संपत्ति के अलावा 50000 रुपये से ज्यादा की कोई भी प्रापर्टी

*(सीए अनिल अग्रवाल की कलम से)*

*आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि कुछ खास लोगों या रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स पर टैक्स देय नहीं होगा। फिर भले ही वे गिफ्ट 50000 रुपये से ज्यादा के क्यों न हों। छूट के इस दायरे में आने वाले गिफ्ट इस तरह हैं-*

१. पति या पत्नी से मिला गिफ्ट

२. भाई या बहन से मिला गिफ्ट

३. पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट

४. माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट

५. विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रॉपर्टी

६. पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट

७. हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट

८. लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट

९. सेक्शन 10 (23C) में उल्लिखित किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट

१०. सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट

​११. एंप्लॉयर की तरफ से एक वित्त वर्ष में 5000 रुपये तक की कीमत के गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन अगर कीमत अधिक होती है तो फिर आपको उस पर भी टैक्स चुकाना होगा। गिफ्ट की रकम 5000 रुपये से जितनी अधिक होगी, उसे आपकी आमदनी माना जाएगा, जिस पर टैक्स लगेगा।

मान लीजिए कि आपके एंप्लॉयर ने आपको 25 हजार रुपये का मोबाइल गिफ्ट किया है तो 5 हजार रुपये तक पर टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन बाकी के 20 हजार रुपये आपकी आमदनी मानी जाएगी, उस पर टैक्स देय होगा.

*गिफ्ट लेना देना अच्छी बात है, इससे प्यार बढ़ता है लेकिन सतर्कता से क्योंकि आयकर का नोटिस और टैक्स देनदारी ऐसे लेनदेन पर आपको परेशान कर सकती हैं. इसलिए नियमानुसार गिफ्ट लें और दें एवं परस्पर सद्भभाव बढ़ाएं.*

*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर

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