*तेज मंहगाई का एक साल पूरा: सरकार बात कर रही फ्री अनाज, फ्री गैस, फ्री आवास, तो मध्यम वर्ग कहां जाएं:*
मध्यम वर्ग या तो चुप रहें या गरीब वर्ग में आ जाए तभी मंहगाई का सामना कर सकता है क्योंकि सरकार कहती हैं देश की ८० करोड़ जनता उनके साथ है, उन्हें मंहगाई से फ़र्क नहीं पड़ता.
मंहगाई की मार का अंदाजा लगातार १२ महीने से जो मध्यम वर्ग पर पड़ रहा है, उसकी कहानी खुद सरकारी आंकड़े कह रहे हैं:
१. देश में रिटेल इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई की दर एक बार फिर 6 फीसदी के पार चली गई है.
२. जनवरी 2023 में देश का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 6.52 फीसदी हो गया है, जो पिछले तीन महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है.
३. इससे पहले दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई की दर 5.72 फीसदी पर थी, जबकि जनवरी 2022 में यह दर 6.01 फीसदी थी.
४. इससे पहले अक्टूबर 2022 में रिटेल इंफ्लेशन 6.77 फीसदी तक चला गया था.
५. खाने-पीने की चीजों के खुदरा दामों में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
६. दिसंबर 2022 में फूड इंफ्लेशन 4.19 फीसदी था, जो जनवरी 2023 में तेजी से बढ़कर 5.94 फीसदी पर जा पहुंचा.
७. भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को देश में खुदरा महंगाई की दर को 4 फीसदी के भीतर रखने का लक्ष्य दिया है, जिसके ऊपर या नीचे 2 फीसदी का टॉलरेंस लेवल भी दिया गया है. यानी आरबीआई को हर हाल में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के भीतर रखना होता है.
८. लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ नवंबर और दिसंबर 2022 में ही रिजर्व बैंक इस लक्ष्य को हासिल कर पाया है.
९. रॉयटर्स के 44 अर्थशास्त्रियों के पोल में जनवरी के दौरान खुदरा महंगाई दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया था. लेकिन सोमवार को जारी रिटेल इंफ्लेशन के ताजा आंकड़े इस अनुमान से काफी ऊपर रहे हैं.
९. कोर इंफ्लेशन भी ऊंचे स्तर पर बना हुआ है. खाने-पीने की चीजों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं.
१०. इन आंकड़ों की वजह से बाजार में बेचैनी बढ़ेगी, क्योंकि इससे आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाने के मामले में और भी आक्रामक रुख अपना सकता है. जनवरी में महंगाई दर के ऊंचे स्तर को देखते हुए इस बात की आशंका काफी बढ़ गई है कि रिजर्व बैंक अप्रैल में भी ब्याज दरों में और 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है.
*साफ है मंहगाई की मार हर तरफ से मध्यम वर्ग पर पड़ रही है लेकिन सरकार से सवाल पूछे तो जवाब वहीं है देश की जनता को मंहगाई कहां दिख रही है!*
*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर