अरुण दीक्षित:
बचपन से सुनते आए हैं कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आजादी की लड़ाई के दौरान देशवासियों से कहा था – तुम मुझे खून दो.. मैं तुम्हें आजादी दूंगा!अब नेताजी का जिक्र कम ही होता है इसलिए यह पता नही कि आज की युवा पीढ़ी ने यह नारा सुना है या नहीं।लेकिन एक बात पक्की है कि एमपी के युवा इन दिनों इस नारे के नए रूप को देख रहे हैं!महसूस भी कर रहे हैं!शायद उसकी असलियत भी समझ रहे हैं!
आजकल नेताजी जैसा ही नारा एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगा रहे हैं।यह अलग बात है कि समय और जरूरत के हिसाब से वे अपने शब्द बदल लेते हैं!लेकिन उनका उद्देश्य साफ है – तुम मुझे वोट दो,मैं तुम्हें वह सब दूंगा जो वोट के बदले तुम्हें चाहिए!
सरकारी खर्च पर मुख्यमंत्री का यह अभियान यूं तो कई महीनों से चल रहा है लेकिन अब वे साफ साफ मोलभाव करने लगे हैं! सोमवार को वह पिछोर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे।उन्होंने वहां अपनी “लाडली बहनों” को संबोधित किया।इसके पहले उन्होंने जनदर्शन यात्रा भी निकाली।अपनी बहनों के सामने सीएम ने दो टूक बात की।उन्होंने कहा – वादा करो कि तुम बीजेपी को वोट दोगी।मैं भी वादा करता हूं कि तुम्हारे पिछोर को जिला बना दूंगा!इस सभा में बीजेपी द्वारा घोषित विधानसभा प्रत्याशी भी मौजूद थे।
वैसे यह कोई चुनावी सभा नही थी।इसका आयोजन सरकारी मशीनरी द्वारा किया गया था।लेकिन चूंकि मुख्यमंत्री पूरी तरह चुनावी मोड में हैं इसलिए उन्होंने इसे पार्टी की ही सभा मान लिया।वे राज्य के मुखिया हैं।जो उन्होंने मान लिया सो मान लिया।चूंकि चुनाव आयोग ने अभी चुनाव कार्यक्रम घोषित नही किया है इसलिए कोई समस्या भी नही है।वैसे भी सरकार अपनी है!जनता भी अपनी है।फिर सरकारी खजाना कहां से अलग हो गया?
यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री ने साफ साफ लेन देन की बात कही।वोट पाने की प्रत्याशा में उनका “देन” कई महीनों से चल रहा है!सबसे बड़ा नकद गिफ्ट वे अपनी लाड़ली बहनों को दे रहे हैं।पिछले तीन महीनों से प्रदेश की करीब सवा करोड़ महिलाओं के खाते में हर महीने की दस तारीख को एक हजार रुपया डाला जा रहा है।शिवराज ने यह वायदा भी कर दिया है कि अगर फिर से उनकी सरकार बन गई तो इस एक हजार को बढ़ाकर तीन हजार तक कर दिया जाएगा।इसके अलावा उन्होंने अपनी इन बहनों को छाता,चप्पल और पानी की बोतल के लिए भी पैसे भेजने का ऐलान किया है।
शिवराज बहनों के साथ साथ अन्य “संभावित” मतदाताओं का भी पूरा ख्याल रख रहे हैं।पिछले पिछले 6 महीने से उन्होंने सरकारी खजाने का मुंह खोल रखा है।देवी देवता,सरकारी कर्मचारी, छोटे जनप्रतिनिधि सबको अघोषित सीएम गिफ्ट योजना के तहत गिफ्ट बांटा जा रहा है।यह नकद गिफ्ट सरकारी खाते से लाभार्थी के खाते में जा रहा है।यह भी कह सकते हैं कि इसे चुनाव के समय के लिए ही रोक के रखा गया था।
सरकारी गिफ्ट पाने वालों की सूची बहुत लंबी है।लेकिन सबसे बड़ी लाभार्थी वे घरेलू महिलाएं है जिनके खाते में सीधे एक हजार रुपया पहुंच रहा है।इनके अलावा आंगनवाड़ी ,आशा और मध्यान्ह भोजन कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जा चुका है।सरकारी कर्मचारियों का महगायी भत्ता भी बढ़ गया है।5 लाख से ज्यादा पेंशन पाने वालों को भी बढ़ी हुई राशि मिलने लगी है।
और तो और आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को मिलने वाली “सम्मान निधि” भी बढ़ा कर 30 हजार रुपए प्रतिमाह कर दी गई है।जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय भी तीन गुना किया जा रहा है। पंच और सरपंचों को भी उपकृत किया जा चुका है।
इस चुनावी गिफ्ट के लाभार्थियों की सूची बहुत लंबी है।पार्टी के नेता तो इसमें शामिल हैं ही!पिछले कुछ महीने में कैबिनेट मंत्री के पद खैरात की तरह बांटे गए हैं।अभी भी बांटे जा रहे हैं।जिन्हें टिकट दिला पाने में सफल होने में संदेह है उन्हें कैबिनेट का पद का पट्टा दिया जा रहा है।
देवी देवताओं को भी पटाया जा रहा है।उनके लिए प्रदेश में भव्य लोक बनाया जा रहे हैं।
जब तक चुनाव की तारीखें घोषित नही होती खैरात बंटती रहेगी।वैसे तो इस समय पूरे देश में सभी दल यही कर रहे हैं लेकिन शिवराज सिंह दान के क्षेत्र में “राजा हरिश्चंद्र ” की पदवी पाने में सबसे आगे दिख रहे हैं।यह अलग बात है कि सरकारी खजाना पूरी तरह खाली है।लेकिन इसकी परवाह किए बिना वे कर्ज लेकर “माल” लुटा रहे हैं! पहले अघोषित थी अब घोषित कर दिया है कि इसके बदले में सिर्फ वोट की दरकार है।इस वोट के लिए उन्होंने लाड़ली भांजियों का हाथ पीछे कर अब लाडली बहनों का हाथ पकड़ लिया है।उन्हें पूरा भरोसा है कि हजार के नोट उनके लिए वोट जरूर लायेंगे!
यह अलग बात है कि उनकी पार्टी अब आगे मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम तक लेने को तैयार नहीं है।
अब जो भी शिवराज सिंह ने सुभाष चंद्र बोस के नारे का अपने ढंग से इस्तेमाल कर लिया है।यह अलग बात है कि दशकों पहले नेता जी ने देश के लिए यह नारा दिया था!अब शिवराज ने इस नारे को खुद अपने और अपनी पार्टी के लिए आगे बढ़ाया है।देखना यह है कि इसका फल कितना मिलता है।क्योंकि नेताजी अपनी पूरी कोशिश के बाद भी आजादी के हीरो नही बन पाए थे।उसका श्रेय महात्मा गांधी को मिला था।उसी तरह शिवराज सिंह खैरात बांट कर पांचवीं बार मुख्यमंत्री बन पाएंगे या नहीं,यह वक्त ही बताएगा।पर इतना तय है कि अपना एमपी गज्जब है!बताइए है कि नहीं!