झारखंड: बीजेपी सांसद समेत 28 के खिलाफ एफआईआर

झारखंड विधानसभा के घेराव के दौरान हुए उपद्रव के मामले में पुलिस अब एक्शन मोड में आ गई है. रांची पुलिस ने उपद्रव के मामले में रांची के सांसद संजय सेठ, मेयर आशा लकड़ा सहित 28 नामजद और एक हजार से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. सीओ की ओर से दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि विधानसभा का घेराव करने जा रही उग्र भीड़ ने जगन्नाथपुर चौक स्थित बैरिकेडिंग के समीप रैप के हवलदार मंगल उरांव का हथियार छीनने का भी प्रयास किया.

आरोप के मुताबिक अन्य पुलिसकर्मियों के मौके पर पहुंच जाने के कारण भीड़ पुलिसकर्मी से हथियार छीनने में सफल नहीं हुई लेकिन उसे क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस के मुताबिक उग्र भीड़ को जब विधानसभा जाने से रोका गया तो उसने हटिया के एएसपी विनीत कुमार, डीएसपी यशोधरा समेत कई पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की, मारपीट की. इस घटना में कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट भी लगी है. सभी घायल पुलिसकर्मियों का उपचार नजदीकी अस्पताल में कराया गया.

ये हैं आरोपी

सांसद संजय सेठ, मेयर आशा लकड़ा, बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष आरती कुजूर, अमरदीप यादव, प्रतुल नाथ शाहदेव, सुजान मुंडा, कमलेश राम, किसलय तिवारी, केके गुप्ता, अशोक यादव, शोभा यादव, अस्मिता सिंह सेढ़ी, प्रदीप साहू, संजय जायसवाल, शशांक कुमार, सुचिता सिंह, बबिता वर्मा, अमित कुमार, सीमा सिंह, अनिता देव, रेखा महतो, राजीव शाहदेव, मंजुलता दुबे, अर्चना सिंह, सुजाता कुमारी, नीलम चौधरी, बसंत कुमार मित्तल और अमित कुमार मिश्रा.

सुदेश महतो के खिलाफ एफआईआर

रांची के मोराबादी मैदान में बुधवार को हुए लाठीचार्ज के मामले में पुलिस ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, चंद्रप्रकाश चौधरी सहित 1500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीओ ओरमांझी विजय केरकेट्टा ने लालपुर थाने में आजसू नेताओं, कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. प्राथमिकी में ये लिखा गया है कि आजसू कार्यकर्ताओं को पुलिस की टीम ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए बार-बार कहा लेकिन वह नहीं माने और पुलिस पर हमला कर सीएम आवास की तरफ बढ़े.

गौरतलब है कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर आजसू के कार्यकर्ता रांची के मोराबादी मैदान में आंदोलन कर रहे थे. शांतिपूर्ण आंदोलन के बीच आजसू कार्यकर्ता सीएम आवास का घेराव करने निकल पड़े. सीएम आवास की तरफ आजसू कार्यकर्ता का हुजूम जाते देख पुलिस के होश उड़ गए. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे रुके नहीं. आजसू कार्यकर्ताओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था.

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