शुक्रवार को दिल्ली के अति सुरक्षित इलाके में इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके की जिम्मेदारी एक अनाम से संगठन जैश-उल-हिंद ने ली है. उसने बकायदा एक संदेश के जरिये इस धमाके में अपना हाथ बताया है. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि यह किस तरह का संगठन है इसके तार किससे जुड़े हुए हैं. हो सकता है कि पाकिस्तान पोषित आतंकी समूहों ने एक नया नाम रखकर इस घटना को अंजाम दिया ताकि पाकिस्तान का सीधे-सीधे हाथ इस धमाके में नहीं आए.
धमाके का ईरानी कनेक्शन
वहीं जांच एजेंसियों की जांच में दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर धमाके का ईरानी कनेक्शन सामने आ रहा है. मौके से जांच एजेंसियों को एक खत मिला है, जिस पर लिखा है कि ये तो सिर्फ एक ट्रेलर था. इसी लेटर में ईरान के दो ईरानियों की हत्या का भी जिक्र है. पत्र में लिखा है कि वे सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेंगे. लेटर में परमाणु वैज्ञानिक आर्देशिर की हत्या का भी जिक्र है. ईरान के बड़े परमाणु वैज्ञानिक आर्देशिर की ड्रोन-गन से हत्या की गई थी. ईरान इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराता है. 30 नवंबर 2020 को ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की ड्रोन अटैक में हत्या हुई थी. उसके लिए ईरान के राष्ट्रपति ने सीधे तौर से इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था.
दिल्ली में 8 साल बाद धमाका
दिल्ली में आठ साल बाद कोई बड़ा बम धमाका हुआ है. आखिरी धमाका 13 फरवरी 2012 को हुआ था. इजरायली राजनयिक को निशाना बनाया गया था. दूतावास के कर्मचारी समेत 4 लोग जख्मी हुए थे. इससे पहले 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर ब्लास्ट हुआ था. हाईकोर्ट के बाहर धमाके में 11 लोगों की मौत हुई थी 80 जख्मी हुए थे.