जिला खनिज अधिकारी की लापरवाही से सरकार को 12 करोड़ रुपए का चूना लगा

 

 

 जिले में  रेत माफिया व्यारा न्यारे हो रहे है सावन चौहान की आंखों पर पट्टी बंधी जिले में रेत का ठेका दो वर्ष पूर्व आर के गुप्ता कंट्रकाशन ने लिया रायलटी होने से सकून की सांस शासकीय ठेकेदार एवम रहवासी लेते थे इस दरमियान नगर आसपास अंचल में आसानी से बालू रेत उपलब्ध महज बीस हजार में हो जाती थी वही आज वर्तमान बालू रेत आसमान पर भाव हो गया जिससे कई शासकीय प्राइवेट भवन वालो के पसीने छूट गए । रेत रायलटी जिले में नही होने कई शासकीय कार्य बंद है वर्ष 2021 में रेत ठेकेदार का टेंडर 10 प्रतिशत बड़कर मिलता तो सरकार को 20 करोड़ का फायदा होता लेकिन खनिज विभाग की लापवाही से ऐसा नहीं हो सका ,नगर में रेत का रेड  450000 हजार रुपए एवम ट्रेक्टर से नो हजार में रेत मिलती है चोरी चुपके जिसे देखकर भी खनिज विभाग अनदेखा कर देता ।

खनिज विभाग ने नवीन टेंडर लगाए जिसमे dsr सही नही होने के चलते रायलटी नही हुई जिसका खामियाजा सरकार को 12 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है चोरी चुपके

देवास जिले से बड़वानी के नाम से रायलटी लेकर डंपर वाले नगर में काटकुट से होकर बड़वाह , करही मार्ग होते हुए अंचल में पहुंचकर रेत कारोबार करते है इंदौर से नेमावर डम्पर लेकर दस हजार का डीजल लेकर पहुंचता है रेत खदान नेमावर  से 9 हजार के लगभग रॉयल्टी लेकर इंदौर से मंडलेश्वर महेश्वर करही अन्य ग्रामीण अंचल में पहुंचकर सीधे चालीस से पेतालिस हजार में रेत महंगी मिलती है ।

पूर्व ठेकेदार आर के गुप्ता ने कोर्ट की शरण ली जिसमे ठेकेदार ने खनिज विभाग को कटघरे में खड़ा किया गुप्ता ने आरोप लगाया की आवंटित रकबो में रेत नही विभाग ने सरकार को गुमराह कर ठेके नीलामी की जिससे मुझे करोड़ों का नुकसान हुआ । वर्तमान में भी 12 करोड़ रुपए सहित 5 प्रतिशत जी एस टी का नुकसान हो रहा है एक वर्ष बीत गया खनिज विभाग की वास्तविक जांच कलेक्टर साहब ने करानी चाहिए ।

नेमावर से रेत लाने वाले डम्पर महेश्वर मंडलेश्वर से वापसी गिट्टी भरकर इंदौर पहुंचे है उसके बाद फिर नेमावर से इंदौर बिक्री हो जाए तो ठीक वरना फिर घाट उतर जाते है ।

खनिज अधिकारी सावन चौहान अवेध रेत कारोबारियों पर प्रकरण दर्ज कर वाह वाही लूटने में लगे है इनकी सच्चाई के पन्ने दर पन्ने खुलते जा रहे है।

सूत्र बताते है कलेक्टर साहब के आदेश जारी बंदूक सावन चोहन की वह रात में बंदूक छाप नोक पर छापामार कार्यवाही को अंजाम देते है कभी नाव में बैठकर तो कभी मोटर साइकल पर सवार होकर अवैध रेत खनन वालो पर कार्यवाही करते है किंतु सच्चाई कुछ और ही देखने में आती है आखिर खनिज अधिकारी किसके कहने पर रात में और दिन में केवल ट्रेक्टर वालो पर कार्यवाही खाली वाहनों पर होती है ।

पूर्व में भी माधव एक्सप्रेस ने खनिज अधिकारी की कार्यवाही पर सवालिया निशान उठाते खबर प्रकाशित की थी खनिज अधिकारी सावन के छूट गए पसीने क्यों की सच्चाई से गुमराह किया जिला कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम को ,आईने की सच्चाई से दूर भाग रहे है खनिज अधिकारी सावन चौहान ।

खनिज विभाग में खनिज अधिकारी सावन चौहान के नीचे कार्य करने वाले अधिकारी भी श्री चौहान की बांसुरी का राग अलापते है  क्यों की सरकार को चुना लगा करोड़ों रुपयों का अब देखना है की सच्चाई सामने आती या नही ।

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