जाते-जाते भाजपा को राह दिखा गए दीपक

 

मुख्यमन्त्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी के कांग्रेस में जाने से भाजपा को कितना नुकसान होता है और कांग्रेस को कितना फायदा, यह बाद में पता चलेगा। फिलहाल वे जाते-जाते भाजपा नेतृत्व और कई अन्य नेताओं को राह जरूर दिखा गए। सबसे बड़ा असर यह हुआ कि भाजपा जिन नेताओं को तरजीह नहीं दे रही थी, उनकी पूछपरख होने लगी। इसीलिए वरिष्ठ नेताओं सत्यनारायण सत्तन, हिम्मत कोठारी और अनूप मिश्रा जैसे नेताओं को बुलाकर बात की गई। दूसरा असर यह कि जो नेता असंतोष के स्वर दबा कर बैठे थे, वे मुखर हो गए। भंवर सिंह शेखावत के बाद वरिष्ठ नेता कुसुम मेहदेले ने भी पार्टी नेतृत्व को आइना दिखा दिया। दीपक विजयवर्गीय के ट्वीट पढ़ने लायक हैं। दीपक जोशी के जाने के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि ‘जिम्मेदारों की बेहोशी और मदहोशी के कारण ही संकट पैदा होते हैं।’ दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘कुछ तो वजहें जरूर होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता।’ स्पष्ट है कि पार्टी के अंदर असंतोष और नाराजगी गहरे तक है। सत्तन, कोठारी और मिश्रा से बुलाकर बात की गई, ठीक है लेकिन यह पर्याप्त नहीं। मेहदेले, शेखावत और विजयवर्गीय की तरह पार्टी के अंदर असंतुष्टों की फौज है, भाजपा नेतृत्व ने इस समस्या को कंट्रोल न किया तो चुनाव में लेने के देने पड़ सकते हैं।
0

Shares