जब-जब जंग में भारत पड़ा भारी…तब-तब अमेरिका की गोद में जा बैठा पाकिस्तान 

 

 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तानी सरकार और आतंकियों को ऐसा झटका दिया, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी. जिसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई शुरू हो गई. इस दौरान भारत की आक्रामकता ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया और एक बार फिर वह अपने आका अमेरिका की गोद में जाकर बैठ गया. हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है, जब-जब पाकिस्तान बर्बाद हुआ है, वह अमेरिका की गोद में जाकर बैठ गया है. इस बार भी पाकिस्तान ने अमेरिका से बीच बचाव करने की अपील की, लेकिन भारत से बात के ही बाद उसे राहत मिली और सीजफायर तक बात पहुंची. लेकिन गद्दार पाकिस्तान ने लगभग चार घंटे के अंदर ही सीजफायर का उल्लंघन कर दिया ।

बता दें, हर बार भारत के साथ युद्ध में वह परमाणु बम की गीदड़ भभकी देता रहा है और इस बार भी उसने ऐसा किया है. लेकिन शायद वह 1999 की कारगिल का वो जंग भूल गया, जब भारत ने उसके घुसपैठ का करारा जवाब दिया था. इस दौरान अमेरिका का दबाव भी हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इरादों से डिगा नहीं पाया था. दरअसल जब भी पाकिस्तान को भारत के साथ युद्ध में नुकसान होने लगता है, वह अमेरिका से मदद मांगने पहुंच जाता है. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान ने अमेरिका से उसके सातवें बेड़े को बंगाल की खाड़ी में भेजने के लिए मदद मांगी थी. पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खान ने भारत के हमले के कुछ ही दिनों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति को एक संदेश भेजा था. जिसके बाद अमेरिका ने अपने सातवें बेड़े को बंगाल की खाड़ी में भेजने का फैसला किया था. इसके बावजूद अमेरिका युद्ध को प्रभावित नहीं कर पाया था. इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश के रूप में एक नए देश का जन्म हुआ था. वहीं 1965 के युद्ध में, पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की थी. इस दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियार भी दिए थे और पैसे से भी मदद की थी. हालांकि इस युद्ध में भी पाकिस्तान को हार मिली और उसे अपनी कुछ जमीनें भारत को देनी भी पड़ी थीं▪️

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