*डाक्टरों की कमी से जूझ रहे मेडिकल कालेज से डाक्टर बाहर भेजने को चुनौती का मामला हाई कोर्ट में*
जबलपुर। हाई कोर्ट ने पहले ही डाक्टरों की कमी से जूझ रहे नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज, जबलपुर से डाक्टर की बाहर शिफ्ट किए जाने के रवैये को प्रथमदृष्ट्या अनुचित माना। इसी के साथ जबलपुर मेडिकल कालेज की डा.मयूरा सेतिया को सतना भेजने पर अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इस सिलसिले में राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डा. मयूरा सेतिया की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि डीएमई द्वारा 17 फरवरी, 2023 को जारी उस पत्र की वैधानिकता चुनौती के योग्य है, जिसके जरिये जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर व विदिशा मेडिकल कालेज के डीन से उनके अधीन काम करने वाले डाक्टरों की सूची मांगी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि पत्र के साथ संलग्न सूची में शामिल चिकित्सकों को तत्काल सतना मेडिकल कालेज में ज्वाइनिंग कराई जाए।