भोपाल, 01 सितम्बर, 2021,पूर्व केंद्रीय मंत्री और गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी और प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आज मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। सोलंकी ने वार्ता के माध्यम से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कथित मौद्रीकरण के नाम पर सरकारी दौलत लुटाने की तरफ जनता का ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर विफल होने के बाद अब सरकारी संपत्ति को बेचने का अभियान छेड़ दिया है। मोदी सरकार देश की बेशकीमती संपत्ति महज 6 लाख करोड़ रुपये में बेचने पर आमादा है। कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के देश बेचने के अभियान का विरोध करती है।श्री सोलंकी ने कहा कि 2008 में भी देश में आर्थिक मंदी आई थी, लेकिन उस समय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के कुशल नेतृत्व में देश को मंदी से बाहर निकाल लिया गया।मनमोहन सिंह सरकार के समय हमने उन बैंकों पर आंच नहीं आने दी जिनका राष्ट्रीयकरण श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में किया था। बैंकों को मनमोहन सिंह ने हर हालत में सलामत रखा और यही वजह थी कि भारत बहुत तेजी से आर्थिक मंदी से बाहर आ गया। लेकिन उसके बाद कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक व्यापक षड़यंत्र और कुचक्र चलाया गया। हमारे ऊपर झूठे इल्जाम लगाए गए। जो घोटाले कभी नहीं हुए थे उन घोटालों के लिए हमें दोषी बताया गया। यह सब करने के बाद नरेंद्र मोदी ने देश को 15-15 लाख मुफ्त देने के सपने दिखाये। उन्होंने बड़े-बड़े वादे करके लोगों को भ्रमित किया। लेकिन आज सच्चाई यह है कि उन्होंने पहले नोटबंदी लागू की, फिर जीएसटी लागू किया और अब देश की अर्थव्यवस्था को नेगेटिव जोन में लेकर चले गए हैं। मोदी सरकार लगातार खराब आर्थिक विकास दर के लिए कोरोना महामारी को दोषी ठहराती है। लेकिन सच्चाई यह है कि कोविड-19 और लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही आठ तिमाहियों से भारत की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही थी। कांग्रेस की सरकारों के समय जीडीपी का मतलब होता था ग्रास डोमेस्टिक प्रोडक्ट। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने जीडीपी का मतलब कर दिया है गैस, डीजल और पेट्रोल की महंगाई। मोदी सरकार नाकामियों और अर्थव्यवस्था की दुर्गति को विकास और सरकारी संसाधनों को बेचने को मौद्रीकरण जैसे जुमलों से ढंकना चाहती है। नरेंद्र मोदी सरकार जनता और मीडिया को उल्टा चश्मा पहनाने की कोशिश कर रही है। श्री सोलंकी ने कहा कि देश में पहले योजना आयोग हुआ करता था, जो देश के लिए योजनाएं बनाता था। मोदी सरकार ने योजना आयोग को समाप्त करके नीति आयोग बनाया लेकिन असल में यह नीति आयोग ना होकर अ-नीति आयोग बन गया। अनीति अर्थात अडानी-अंबानी-नीत आयोग।मोदी सरकार का यह नीति आयोग एक नए किस्म की नीति भारत में लेकर आया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य है नेशनलाइजेशन ऑफ लॉस एंड प्राइवेटाइजेशन ऑफ प्रॉफिट। यानी जहां-जहां नुकसान हो रहा हो उन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दो और जो कंपनियां मुनाफे में चल रही हो उन्हें प्राइवेट सेक्टर को दे दो। यह सरकार पूरी तरह से निजी कंपनियों के हित में काम कर रही है और यह पूंजीपतियों की सरकार है।श्री सोलंकी ने कहा कि भारत में अब तक जितनी भी सरकारें हुई हैं, चाहे वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार हो, लाल बहादुर शास्त्री की सरकार हो, इंदिरा गांधी की सरकार हो, मोरारजी देसाई की सरकार हो, राजीव गांधी की सरकार हो, विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार हो, नरसिम्हा राव की सरकार हो, अटल बिहारी वाजपेई की सरकार हो, या डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार हो, इन सारी सरकारों ने देश के लिए कुछ ना कुछ निर्माण किया है और नए सरकारी उपक्रम और सरकारी संपत्ति बनाई है। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ऐसी पहली सरकार है, जिसने आज तक कुछ भी नहीं बनाया और अब तक 23 कंपनियों को बेच चुकी है।श्री सोलंकी ने कहा कि अब तक मोदी सरकार सरकारी क्षेत्र में 10 लाख नौकरियां समाप्त कर चुकी है। यह वही नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने चुनाव से पहले हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, यह वही बड़बोले नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने कहा था कि अगर मैं कुछ करूं तो मुझे चौराहे पर सूली पर लटका देना। अर्थव्यवस्था और देश को तबाह करने के लिए नरेंद्र मोदी ने गजब का फार्मूला अपनाया है, वह पहले बैंकों को जबरदस्ती लोन देने के लिए बाध्य करते हैं, फिर जिन कंपनियों ने यह लोन लिया होता है उस लोन को एनपीए घोषित कर देते हैं, फिर इसे बेड डेट यानी बट्टा खाते में डाल देते हैं और अंत में उस कर्ज को माफ कर देते हैं। यानी नरेंद्र मोदी सरकार बैंकों के माध्यम से सरकारी संपत्तियों को अपने मित्र पूंजीपतियों के हाथ में सौंप रही है और वह उसमें जो घोटाला कर रहे हैं, उसका भुगतान सरकार अपनी जेब से कर रही है।छह लाख करोड़ की संपत्ति बेचने के मामले में भी यही काम किया जा रहा है। पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह के समय तक जो सरकारी संपत्ति, जो जनता की संपत्ति खड़ी की गई, उसे नरेंद्र मोदी सरकार औने पौने दाम पर पूंजीपतियों को बेच रही है। पूंजीपति इस संपत्ति को खरीदने के लिए बैंकों से लोन लेंगे और फिर वही प्रक्रिया दोहराई जाएगी। जिसमें अंत में लोन डूब जाएगा, इस तरह मोदी सरकार सरकारी बैंकों को डुबो देगी, सरकारी संपत्तियों को बेच देगी, सरकारी नौकरियों की संभावना खत्म कर देगी और देश पर लोकतंत्र की जगह पूंजीपतियों का राज कायम हो जायेगा। सोलंकी ने कहा कि हमारे गुजरात में एक कहावत है कि जिस राज्य का राजा व्यापारी होता है, वहां प्रजा भिखारी हो जाती है। नरेंद्र मोदी पूरी तरह से व्यापारी बन गए हैं और उनकी सरकार प्रजा को भिखारी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मोदी सरकार तो अंग्रेजों की सरकार से भी खराब हो गई है, जिसने देश को लूटा था। सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में उस जमाने में अंग्रेजी शासन का विरोध किया था और उस शासन को उखाड़ फेंका था। आज फिर कांग्रेस पार्टी आप सब के सहयोग से, भारत की जनता के सहयोग से नरेंद्र मोदी सरकार के काले कारनामे आपके सामने लाएगी और जनता विरोधी इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी। सोलंकी ने मीडिया के साथियों से अनुरोध किया कि आप लोगों ने ही पूरे देश को दिखाया था कि यह शख्स चाय बेचता था, अब आप लोगों की ही जिम्मेदारी है कि जब वह देश को बेच रहा है तो आप देश को बताएं यह प्रधानमंत्री नहीं देश विक्रेता है।मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी ने भी पत्रकार वार्ता में कहा कि मोदी सरकार भारत की जनता की 60 लाख करोड़ की संपत्ति को छह लाख करोड़ में बेचने की साजिश रच रही है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने भी मध्यप्रदेश में सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्ति बेचने के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया है। इस विभाग का एकमात्र काम सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचना है। मध्य प्रदेश सरकार ने 5000 करोड़ रुपए के संपत्ति बेचने का लक्ष्य रखा है।दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है। कांग्रेस पार्टी देश की जनता की गाढ़ी कमाई से बनायी हुईं राष्ट्रीय संपत्तियों को किसी भी सूरत में बिकने नहीं देगी।——