नई दिल्ली, कोरोना वायरस को हराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू के जरिए देशवासी पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं। कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए राजधानी दिल्ली में अधिकांश दुकान, बाजार, मॉल सब पर रविवार को ताला नजर आ रहा है। वहीं सड़कें भी सूनी हैं क्योंकि ज्यादातर लोग घरों में ही कैद हैं। जनता कर्फ्यू के दौरान सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक सब कुछ बंद रहेगा और लोग घरों में रहेंगे।
वहीं देशभर के 60 हजार बाजार और 40 हजार व्यापारिक संगठनों के सात करोड़ व्यापारी तथा उनके 40 करोड़ कर्मचारी जनता कर्फ़्यू में अपनी दुकानें बंद करके जनता कर्फ़्यू में शामिल हैं। यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को कैट का पूरा समर्थन है।
खंडेलवाल ने कहा कि जनता कर्फ्यू के दौरान कोई भी कारोबारी गतिविधि नहीं होगी। कैट ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर में जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन भी घोषित किया जाए, जिससे इस संक्रामक बीमारी के सामूहिक संक्रमण से बचा जा सके। इस काम के लिए देशभर के व्यापारी सरकार के साथ मज़बूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश में खाने-पीने के सामान की कोई कमी नहीं है। इसलिए बंद के दौरान दवा, किराना और दूध की आपूर्ति बनी रहेगी, लोग इसे लेकर अफरा-तफरी का माहौल पैदा न करें।
मध्यप्रदेश में जनता कर्फ्यू का असर नजर आ रहा है। ग्वालियर, भोपाल सहित तमाम शहरों की सड़कें सूनी हैं और दुकानें बंद हैं। सड़क से लेकर मंदिर तक सब जगह सन्नाटा छाया हुआ है। उज्जैन में महाकाल मंदिर में सन्नाटा पसरा है। होशंगाबाद में सेठानी घाट सूना पड़ा है। मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में पुजारियों ने पट बंद कर पूजन की। किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया गया।
इंदौर : सड़कों पर सिर्फ नगर निगम के सफाईकर्मी दिख रहे हैं और दूध की दुकानें खुली हैं। मेडिकल स्टोर्स भी वही खुले हैं, जो हॉस्पिटल परिसर में स्थित हैं। रतलाम, खंडवा में भी पूरा शहर बंद है। खंडवा में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय नंदानगर स्थित अपने घर पर रामायण का पाठ कर रहे हैं।