श्रीगोपाल गुप्ता:
अभी हाल ही में मुरैना जिले के पुलिस कप्तान का ओहदा संभालने वाले तेजतर्रार अनुराग सुजानिया ने परसों 5 सितंबर को अपने जिले के थाना प्रभारियों से आर टी काॅल के जरिये वन टू वन चर्चा की थी! थाना प्रभारियों से चर्चा करते हुये पुलिस कप्तान ने जिले में अवैध शराब की बिक्री पर दो टूक शब्दों में सपाट लहजे में कहा कि कोई भी थाना प्रभारी यह झूठी दलील देने का प्रयास न करें कि बाबा महाराज के आव्हान पर गावों,मजरो और टोले-टीले व गली-मोहल्लों में शराब की बिक्री बंद हो गई है! उन्होने जोर देकर यह बात विशेष तौर पर सिटी कोतवाली और सिविल लाइंस थाना प्रभारियों से कही, उन्होने यह भी कहा कि वे जानते हैं कि शराब अभी भी धड़ल्ले बिक रही है! इस वार्तालाप को 24 घण्टे भी नहीं बीते कि थाना सिटी कोतवाली और दिमनी पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर दबिस देकर लगभग साढ़े पांच लाख रुपये की अवैध शराब जप्त करने और पांच आरोपियों को हिरासत में लेने में सफलता प्राप्त कर ली! पुलिस अब अपनी पीठ ठोक रही है कि उसने पुलिस कप्तान के निर्देशन में बड़ी सफलता प्राप्त की है! मगर जनचर्चाओं पर ध्यान दिया जाये तो यह सच के तकरीबन पास-पास है कि पुलिस ने जितनी मामूली कीमत की अवैध शराब को जप्त किया है, वो तो कप्तान साहब की मुंह दिखाई की रस्म को भी पूरा नहीं करती! यह सर्वविदित है कि हाल के वर्षों में तमाम बर्जनाओं और हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद प्रशासन बड़े पैमाने पर कमाई का जरीया बन चुके अवैध रेत-उत्खनन और पत्थरों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हुआ है! मगर इसके साथ ही अब चंबल की फिजा को नशीला कर नशा बैचकर मौत का कारोबार करने वाले शराब माफियों ने भी चंबल को राजनीतिक संरक्षण में पूर्णतः अपने कब्जे में ले लिया है!परिणाम सामने है कि मुरैना में अवैध शराब का जो जखीरा पकड़ा गया है वो स्वयं नगरपालिक निगम का पार्षद गब्बर सिंह संचालित कर रहा था! हालांकि वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है! मगर हकीकत यह है कि गब्बर इस काले साम्राज्य के समुद्र की बेहद मामूली एक मछली भर है, जबकि बड़े-बड़े नशा माफिया राजनीतिक दलों की सरपरस्ती में पगड़ी पहन ऐश ओ आराम का जीवन शान से जी रहे हैं!क्या कानून के लंबे हाथ उनके सफेद काॅलरों तक भी पहुंचेंगे?
नशा मतलब केवल शराब ही नहीं बल्कि स्मैक, चरस, और गांजा भी धड़ल्ले से बिना किसी खौफ के खुलेआम बेचा जा रहा है! हालात इतने बदतर,शर्मनाक और खौफनाक हो गये हैं कि अवैध शराब भी इतने करीने और तरीके से बेची जा रही है कि अब वैध ठेकों से लेना गैरकानूनी लगता है और इनसे लेना कानूनी! यदि आपको शराब की तलब लग रही है तो फोन घुमाईये और घर बैठे शराब की डिलेवरी प्राप्त कीजिये, इतना ही नहीं साथ में एक और बड़ी सुविधा है यदि आपके पास उस समय पैसा नहीं है और रेघुलर ग्राहक हैं तो उधार में भी ले सकते हैं और हिसाब महिने के आखिरी में कर सकते हैं! आज शहर के गणेशपुरा, सुभाष नगर, बड़ोखर, सिंघल बस्ती, उत्तमपुरा, इस्लामपुरा, टंच रोड, जीन रुई की मण्डी गली नंबर – एक आदि के साथ-साथ पीपल वाली माता तो अवैध शराब का हब बनकर उभरा है! वहीं मुरैना में कीमत बहुत ज्यादा होने के कारण वही ब्रांड की शराब की बोतलें राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व दिल्ली से बहुत कम दामों पर भारी मात्रा में लाकर उन्ही बाबा हरीगिरी महाराज के अनुयाइयों के गांवों जो थाना सरायेछोला के अन्तगर्त आते हैं स्टोर की जा रही है,जिनका हवाला थाना प्रभारी देते हैं कि बाबा के कहने पर शराब की बिक्री बंद हो गई है! इतना ही नहीं बाहर प्रांतों से जितनी शराब तस्करी करके लाई जा रही है उतनी नहीं तो काफी मात्रा में इन्ही गांव में मिनरल वाटर में नशे की दवाई मैन्डैक्स आदि मिलाकर नकली शराब बनाई जा रही है! पुलिस यदि इन सब बातों से अनजान है तो उसे पता करना चाहिए कि गांवों में शुद्ध कूऐं और ट्यूब बैलों का पानी पीने वाले ग्रामिणों के गांव में लाखों लीटर मिनरल वाटर क्यों जा रहा है? इसका क्या उपयोग हो रहा है? बहरहाल बहुत कम मात्रा में ही सही मगर पुलिस कप्तान की हल्की झिड़की के बाद परिणाम तो सार्थक आया! माना जा सकता है कि जोश से भरे अनुराग सुजानिया के रहते और सख्त रवैये के कारण मौत के सौदागरों की उम्र अब गिनी चुनी रह गई है और उम्मीद है कि हमारी चम्बल नशा मुक्त होगी!