ग्राम खपड़िया कला में चल रही राम कथा

 

बरेली के ग्राम खपड़िया कला भारकच्छ में हो रही श्री राम कथा के चौथे दिन श्री राम जन्म की कथा का वर्णन किया। कथा व्यास रत्न मणि द्विवेदी ने बताया कि जब-जब धर्म की हानि होती है, तब तक भगवान पृथ्वी पर जन्म लेते हैं।

राम जनम के हेतु अनेका। परम विचित्र एक तें एका।।

जब जब होई धरम की हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी।।

तब तब प्रभु धरि विविध सरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा।।

यानी जब-जब धर्म का ह्रास होता है और अभिमानी राक्षस प्रवृत्ति के लोग बढ़ने लगते हैं, तब तब कृपानिधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर सज्जनों की पीड़ा हरते हैं। वे असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करते हैं। अपने वेदों की मर्यादा की रक्षा करते हैं। यही श्रीराम के अवतार का सबसे बड़ा कारण है। कथा में मुख्य रूप से क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र पटेल, कथा के मुख्य यजमान परसराम चौहान और क्षेत्रीय जनता उपस्थित रहीं।

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