गैरकानूनी शराब भट्टी चलती मिली तो स्थानीय पुलिस होगी जिम्मेदार : सुप्रीम कोर्ट

 

गैरकानूनी शराब भट्टी चलती मिली तो स्थानीय पुलिस होगी जिम्मेदार : सुप्रीम कोर्ट

 

नई दिल्ली, : सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार Government of Punjab को निर्देश दिया है कि वह राज्य में गैरकानूनी देसी शराब के उत्पादन wine production व परिवहन और गैरकानूनी भट्टियों के संचालन की रोकथाम के लिए कार्रवाई जारी रखे। जस्टिस एमआर शाह Justice MR Shah और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने दोहराया कि अगर किसी क्षेत्र में कोई गैरकानूनी भट्टी चलती पाई गई तो स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। नकली शराब पीकर लोगों के मरने की पूर्व की घटनाओं के संबंध में शीर्ष अदालत ने कहा कि तीन जिलों की तीन घटनाओं में सात एफआइआर दर्ज की गई थीं। इन सभी मामलों में जांच के बाद आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था, उनके विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किए गए थे और उन पर मुकदमा चल रहा है। लिहाजा इस मामले में और किसी आदेश की जरूरत नहीं है।
पंजाब की स्थिति पर व्यक्त की चिंता
इससे पहले शीर्ष अदालत ने पंजाब में गैरकानूनी शराब के व्यापार व ड्रग्स के खतरे पर चिंता व्यक्त की थी और राज्य सरकार से निगरानी रखने में विफलता के लिए स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी तय करने को कहा था। शीर्ष अदालत का कहना था, ‘हमें ए सरकार या बी सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दिए निर्देश, आगे भी कार्रवाई जारी रखें

शीर्ष अदालत का कहना था, ‘हमें ए सरकार या बी सरकार से मतलब नहीं है। जहां तक पंजाब का संबंध है, ड्रग्स की समस्या बढ़ रही है। युवा खत्म हो जाएंगे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि ऐसा हो रहा है। इसके पीड़ित कौन हैं? गरीब लोग। गैरकानूनी उत्पादन और परिवहन रोकना होगा क्योंकि अंततः यह स्वास्थ्य और समाज को प्रभावित करता है। अगर कोई देश को खत्म करना चाहता है, खासकर सीमावर्ती राज्यों से, तो वे सीमाओं से ही शुरू करेंगे। देश को बचाने के लिए हर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। युवाओं को तबाह कर देना बड़ा आसान है।’

इस मामले की सुनवाई कर रही थी शीर्ष अदालत।
शीर्ष अदालत सितंबर, 2020 के पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के कारण दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने उस याचिका का निस्तारण कर दिया था जिसमें नकली शराब के निर्माण, उसकी बिक्री और अंतर-राज्यीय तस्करी से जुड़ी पंजाब में दर्ज कुछ एफआइआर को सीबीआइ को ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। दरअसल, राज्य के वकील ने आश्वासन दिया था कि याचिकाकर्ताओं की चिंताओं का उचित कदम उठाकर समाधान किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले पंजाब में गैरकानूनी शराब के व्यापार के कुछ मामलों की जांच में प्रगति पर नाखुशी जाहिर की थी और कहा था कि प्रदेश सरकार इस मामले को हल्के में ले रही है। शीर्ष अदालत का कहना था कि जहरीली शराब से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गरीब लोग थे और पंजाब सरकार के आबकारी विभाग को कुछ एफआइआर का विवरण उपलब्ध कराने को कहा था। याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में दावा किया था कि राज्य में गैरकानूनी शराब बनाने की इकाइयाँ मशरूम की तरह उग आई हैं। उन्होंने अगस्त, 2020 में पंजाब में हुए जहरीली शराब कांड का हवाला भी दिया जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

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