असद के साथ एनकाउंटर में मारे गए गुलाम हसन का शव उसके भाई राहिल हसन ने लेने से इनकार कर दिया है। गुलाम हसन अतीक का खास शूटर था और उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसने उमेश पाल पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इसके बाद वर फरार हो गया था। उसके मेहंदौरी रसूलाबाद स्थित पुश्तैनी मकान को गत दिनों पीडीए ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था।
गुलाम हसन का बड़ा भाई राहिल हसन भाजपा से जुड़ा था और भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष था। गुलाम का नाम उमेश पाल हत्याकांड में सामने आने के बाद भाजपा ने उसे पद से हटा दिया था। राहिल हसन ने पहले भी कहा था कि यदि गुलाम का एनकाउंटर होता है तो वह उसकी लाश को नहीं लेगा। बृहस्पतिवार को जब गुलाम मुठभेड़ में मारा गया तो राहिल हसन ने फिर वही बात दोहराई और कहा कि उसका भाई गुलाम अपराधी था। इसलिए वह उसका शव नहीं लेगा।∫