गुना जिला पंचायत अध्यक्ष:दिग्गजों को दी मात देकर अरविंद धाकड़ निर्विरोध निर्वाचित हुए

गुना जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुनाव हुए। भाजपा समर्थक अरविंद धाकड़ अध्यक्ष चुने गए हैं। बताया जाता है कि उनके नाम पर मोहर सीधे CM हाउस से ही लग गयी थी। पार्टी ने उनके पक्ष में मैंडेट जारी किया और वह निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए गए। केवल एक ही नामांकन अध्यक्ष पद के लिए जमा हुआ। पीठासीन अधिकारी ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र देकर निर्वाचित घोषित कर दिया।

जिला पंचायत में भाजपा समर्थक 13 वार्डों में जीतकर आये थे। वहीं 2 पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए थे। दो सदस्यों ने अपने पत्ते नहीं खोले थे। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल होने के साथ ही अध्यक्ष पद के लिए नाम की सुगबुगाहट होने लगी थी। जिस दिन पूर्व विधायक ममता मीना और रिटायर्ड IPS रघुवीर सिंह मीणा ने अपने नामांकब भरे, उस दिन ही यह चर्चाएं होने लगी थीं कि अगर ये चुनाव जीतकर आते हैं टा अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार इन्ही दोनों में से एक होगा। वहीं अगर प्रियंका मीना पेंची जीतती हैं, तो अध्यक्ष पद पर उनके आसीन होने की संभावना है।

अचानक आया अरविंद धाकड़ का नाम

मतदान होने तक अरविंद धाकड़ का नाम कहीं से भी पिक्चर में नहीं था। पूरी सुगबुगाहट ममता मीना और रघुवीर मीना के नाम की हो रही थी। मतदान के दिन ही प्रत्याशियों द्वारा संभावित मिले वोटों से ही यह अंदाजा लगा लिया था कि वह चुनाव जीत रहे हैं या नहीं। इसी दौरान अरविंद धाकड़ का नाम अचानक सामने आया। तभी से उनके सक्रिय होने और दावेदारी करने की सूचनाएं चल पड़ीं। उनके पास सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यही था कि उनके पिता CM के करीबी माने जाते हैं।

दावेदारों की संख्या बढ़ी

चुनाव परिणाम सामने आते ही कई सदस्यों ने अपनी दावेदारी शुरू कर दी। इनमे रिटायर्ड IPS रघुवीर सिंह मीणा, महेंद्र किरार, संतोष धाकड़, अरविंद धाकड़ का नाम था। यह सभी लोग पार्टी में किये गए कामों और सक्रियता के बलबूते अध्यक्ष पद के लिए खुद को दावेदार बताने लगें साथ ही दिल्ली और भोपाल की दौड़ लगानी शुरू कर दी। दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भोपाल में CM शिवराज सिंह चौहान से जाकर मुलाकातें होने लगीं।

जीत का प्रमाण पत्र लेते अरविंद धाकड़।

जीत का प्रमाण पत्र लेते अरविंद धाकड़।

6 सदस्य CM से मिले

अरविंद धाकड़ की दावेदारी के बीच ही 4 अन्य दावेदार इकट्ठे हो गए। उन्होंने दो और सदस्यों के साथ भोपाल पहुंचकर CM से मुलाकात की। कुल 6 लोग CM से मिले। सूत्रों के अनुसार उन्होंने CM से यही निवेदन किया कि चारों के से किसी भी एक को टिकट दे दिया जाए और अरविंद धाकड़ की दावेदारी खारिज कर दी जाए। चारों में से किसी भी एक नाम पर वह सभी सहमत हो जाएँगे। लेकिन उन्हें वहां से सफलता हाथ नहीं लगी।

CM हाउस से ही आया नाम

तमाम सदस्यों की दावेदारी के बीच यह चर्चा सामने आने लगी थी कि अरविंद धाकड़ का नाम सीधे CM हाउस से ही तय होकर होगा। इसकी कई वजह बताई जा रहीं थी। एक तो उनके पिता राधेश्याम धाकड़ CM के करीबी माने जाते हैं। दूसरा, उनके पास हर वो व्यवस्था थी, जिसके बलबूते उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी। सूत्रों की मानें तो चुनाव के एक दिन पहले ही संगठन को उनके नाम पर मोहर लगाने का मैसेज पहुंचा। अध्यक्ष पद के चुनाव के दिन पार्टी ने उनके नाम का मैंडेट जारी किया और वह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए।

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