मोदी सरनेम वालों को चोर बताने पर सूरत की कोर्ट में दो वर्ष की सजा सुनाई। अब तीस दिन की जमानत मिली है राहुल गांधी को।
राहुल ने सुप्रीम कोर्ट की हिदायत का भी ख्याल नहीं रखा।
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23 मार्च को गुजरात के सूरत की एक अदालत ने मानहानि के प्रकरण में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकतम दो वर्ष की सजा सुनाई है। यह सजा मानहानि की धारा 499 व 500 में दी गई है। गत लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरनेम वाले चोर क्यों होते हैं? राहुल ने अपने भाषण में नरेंद्र मोदी, ललित मोदी आदि के नाम दिए। मोदी सरनेम वालों को चोर बताने पर ही सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने अदालत में मुकदमा दायर किया। आमतौर पर ऐसे मामलों में आरोपी माफी मांग लेते हैं, लेकिन राहुल गांधी पूरे प्रकरण में तीन बार अदालत में पेश हुए और उन्होंने माफी मांगने से इंकार कर दिया। 23 मार्च को भी जब सजा सुनाने से पहले न्यायाधीश ने दोषी करार दिया तो राहुल ने कहा कि उन्होंने किसी का भी अपमान नहीं किया। उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई थी और आगे भी उठाते रहेंगे। राहुल की ओर से सजा को कम करने की कोई प्रार्थना भी नहीं की गई। वहीं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वकीलों का कहना था कि राहुल गांधी सांसद हैं और संसद में कानून बनाते हैं। ऐसे में उन्हें कानून की जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट को यह भी बताया गया कि वर्ष 2018 में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने संभल कर बोलने की हिदायत दी थी, लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वालों को चोर कह दिया। अदालत से अपील की गई कि राहुल को अधिकतम सजा दी जाए। इसके बाद न्यायाधीश ने राहुल को दो वर्ष की सजा सुना दी। साथ ही राहुल को तीस दिन के लिए जमानत भी दी। ताकि राहुल गांधी ऊपरी अदालत में याचिका दायर कर सके।
जा सकती है सदस्यता:
यदि किसी सांसद और विधायक को दो वर्ष की सजा मिलती है तो लोकसभा अध्यक्ष और संबंधित विधानसभा के अध्यक्ष सदस्यता को रद्द कर सकते हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के पुत्र की विधायकी रद्द हुई है। अदालत का फैसला आते ही उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने संबंधित विधायक की सदस्यता को रद्द कर दिया। जानकारों का मानना है कि सूरत की अदालत के आदेश की जानकारी तत्काल ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी। इसी बीच राहुल गांधी ऊपरी अदालत में जाकर दो वर्ष की सजा पर स्थगन ले लेते हैं तो फिर सांसद की सदस्यता रद्द होने से बच सकते हैं। लेकिन यदि लोकसभा अध्यक्ष के फैसले से पहले ऊपरी अदालत से स्थगन नहीं मिलता है तो राहुल गांधी के हाथ से संसद की सदस्यता चली जाएगी। राहुल गांधी अभी केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। राहुल ने गत लोकसभा का चुनाव यूपी के अमेठी से भी लड़ा था, लेकिन वे भाजपा की उम्मीदवार स्मृति ईरान से हार गए। अब यदि राहुल की संसद सदस्यता रद्द होती है तो कांग्रेस को राजनीतिक दृष्टि बड़ा झटका लगेगा।
S.P.MITTAL