इस समय देश कोरोना से बुरी तरह से जूझ रहा है। अब खतरनाक वायरस हजारों लोगों की जान ले रहा है। कई देशों में कोविड-19 की तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी है और कई देशों को कोरोना की तीसरी लहर का डर सता रहा है। इस बीच टीकाकरण एक बड़ा हथियार है जो कोरोना से जंग में मददगार है। वहीं जागरुकता की कमी के चलते कई लोग अब भी वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं। खासकर गांव- देहात में लोगों का टीकाकरण बड़ी चुनौती बना हुआ है। लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले का महगवां परियट गांव मिसाल बन गया है। दरअसल ये गांव शत-प्रतिशत कोरोना टीकाकरण वाला गांव बन गया है। जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि महगवां परियट ग्राम पंचायत में मतदाता सूची में दर्ज 1,002 व्यक्तियों में से 956 पात्र व्यक्तियों को विशेष अभियान चलाकर कोविड-19 का टीका लगाया गया। शेष 46 व्यक्तियों में कोरोना वायरस संक्रमण से हाल ही में ठीक हुए लोग, गर्भवती महिलाएं और गांव से बाहर रहने वाले लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि गांव के सभी लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है जबकि कई लोगों को दूसरी खुराक भी मिल चुकी है।
उन्होंने बताया कि कोरोना के टीके के प्रति फैली तमाम भ्रांतियों को दरकिनार करते हुए 102 वर्षीय महिला तिज्जो बाई कोल और सौ वर्षीय त्रिवेणी बाई ने खुद रुचि लेकर टीका लगवाया। अधिकारी ने बताया कि गांव में सौ फीसदी टीकाकरण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के छह अलग-अलग दल बनाए गए थे। टीकाकरण करने वाला एक दल बीमार, बुजुर्ग और दिव्यांगों के घर-घर जाकर टीका लगा रहा था।