कोरोना संक्रमण की रोकथाम के कार्यों में अधिक स्पष्टता लाने दिशा-निर्देश जारी

भोपाल : सोमवार, मार्च 23, 2020, 

 

प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये विभिन्न जिलों में विभिन्न अवधियों के लिये लॉक-डाउन घोषित किया गया है। इस संबंध में सम्पूर्ण प्रदेश में कोरोना महामारी पर नियंत्रण और रोकथाम के कार्यों में एकरूपता तथा अधिक स्पष्टता लाने के लिये जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। जिन जिलों में कोरोना संक्रमण पॉजिटिव घोषित कर दिया गया है, वहाँ लॉक-डाउन के दौरान कार्यवाही किये जाने के बारे में भी मार्ग-दर्शिका जारी की गई है।

जारी दिशा-निर्देश और मार्ग-दर्शिका के मुताबिक अत्यावश्यक सेवाओं की श्रेणी में आने वाले कार्यालयों और संस्थाओं को लॉक-डाउन से मुक्त कर दिया गया है। इसी तरह, शासकीय अथवा निजी क्षेत्र द्वारा प्रदाय की जाने वाली सामग्रियाँ, सेवाएँ और उनसे संबंधित अमले को अत्यावश्यक सेवाओं की श्रेणी में आने के फलस्वरूप लॉक-डाउन से पूरी तरह मुक्त किया गया है। अतिआवश्यक कार्य, सेवाएँ और कार्यालय, जिले में सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त कर संचालित किये जा सकेगे। लॉक-डाउन के दौरान पूर्णत: प्रतिबंधित कार्यों, सेवाओं और गतिविधियों के संचालन के बारे में भी जिला कलेक्टर्स को स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।

जिन जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज पॉजिटिव पाये जाने की स्थिति नहीं है, उन जिलों में जिला कलेक्टर्स स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार स्वविवेक से निर्णय लेकर स्वास्थ्य विभाग की जारी गाइड लाइन्स के अनुसार वस्तुओं/सेवाओं और संस्थानों को प्रतिबंध से मुक्त श्रेणी में सम्मिलित कर सकेंगे। इन जिलों में पूर्णत: प्रतिबंधित कार्यों/ सेवाओं और गतिविधियों के संचालन के बारे में भी जिला कलेक्टर को विस्तार से बताया गया है।

जिला कलेक्टर्स को स्थानीय परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए समस्त आवश्यक उपाय करने के लिये अधिकृत किया गया है। कलेक्टर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यवस्था ऐसी बने, जिससे आम नागरिकों में संशय अथवा भ्रम की स्थिति निर्मित न हो। साथ ही, व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार की अनुमतियाँ प्राप्त करने के लिये अनावश्यक भटकना न पड़े।

यदि किसी जिले में विदेशी यात्री/ पर्यटक अथवा भारतीय यात्री/पर्यटक निवास कर रहे हों, तो उन्हें वहाँ से दबावपूर्वक हटाने की कार्यवाही नहीं की जाएगी। कलेक्टरों से कहा गया है कि दो जिलों के बीच अथवा सटी हुई अन्य राज्य की सीमाओं को संक्रमण से बचाने के लिये सील करने से पहले गंभीरता का आंकलन अवश्य करें। यह भी सुनिश्चित करें कि अत्यावश्यक आपातिक कार्य से जा रहे लोगों और वाहनों को अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना न करना पड़े। जिलों में सक्षम प्राधिकारी लोकहित एवं लोक स्वास्थ्य की दृष्टि से स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप आवश्यक निर्णय ले सकेंगे।

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