नई दिल्ली. कोरोना वायरस को मात देने के लिए दनिया भर में इस वक्त कोई इलाज नहीं है. लिहाज़ा डॉक्टर कोरोना संक्रमित मरीजों को दूसरे बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं देते हैं. इसी कड़ी में इन दिनों ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ (Antibody Cocktail) सुर्खियों में है. ये दो दवाओं का मिश्रण है जिसमें कैसीरीविमैब और इमडेवीमैब शामिल है. ये कॉकटेल कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाती. आमतौर पर ऐसे मरीज़ जो ‘हाई रिस्क’ ग्रुप में आते हैं. पिछले साल दुनिया की सबसे ताकतवर शख्सियतों में शुमार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ की इंजेक्शन दी गई थी.
डॉक्टर रमण गंगाखेडकर का कहना है कि ये कॉकटेल आमतौर पर वायरस के म्यूटेशन को रोकता है. म्यूटेट होने का मतलब है वायरस के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव होना. वैज्ञानिकों ने इस वायरस में हज़ारों म्यूटेशन देखे हैं. डॉक्टर के मुताबिक कोरोना के इलाज में ये बेहद अहम दवा है. उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ये कॉकटेल मरीज को 3 से 10 दिनों के अंदर देनी चाहिए. अब तक के स्टडी के मुताबिक 80 फीसदी मरीज जिन्होंने के कॉकटेल ली उन्हें इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ा.
प्रमुख दवा कंपनी रोश इंडिया और सिप्ला ने पिछले हफ्ते भारत में रोश के एंटीबॉडी कॉकटेल को पेश करने की घोषणा की थी. इसकी कीमत 59,750 रुपये प्रति खुराक है. डॉक्टर नरेश त्रेहान के मुताबिक जिन बच्चों का वजन 40 किलो से ज्यादा है उन्हें भी ये कॉकटेल दी जा सकती है.
बता दें कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे देश में महामारी के लिए इलाज के कई तरह की दवाएं लाई जा रही हैं. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले DRDO की एक दवा का भी इमरजेंसी यूज मरीजों पर किया जा रहा है. कोरोना महामारी के इलाज में गेमचेंजर बनकर आई डीआरडीओ की देसी दवाई 2 DG का मरीजों पर अच्छा असर दिखाई दे रहा है.