कोराना वायरस को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है. वहीं, इससे बचने के लिए प्रयोग में लाए जा रहे सैनिटाइजर के ओरिजिनल और डुप्लीकेट में अंतर को लेकर शंका में हैं. बाजार में इसकी कालाबाजारी बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के आईआईटी ने घर पर ही सैनिटाइजर तैयार करने की विधि बताई है.
ऐसे में घर बैठे लोगों को भी कोरोना वायरस से निपटने की घरेलू तरकीब मिल गई है. बस इन्हें कुछ सामाजिक संगठनों और एनजीओ के सहयोग की दरकार है.
बीएचयू के बायो मेडिकल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मार्शल धयाल ने कहा कि करीब 100 एमएल सैनिटाइजर महज 50 रुपये में तैयार कर सकते हैं. इसको बनाने के लिए कोई बहुत बड़ा रॉकेट साइंस नहीं है.
इसे घर बैठे भी बनाया जा सकता है. इसके लिए 99 प्रतिशत अल्कोहल, 30 प्रतिशत एलोविरा और सोडियम हाइड्राक्साइड के मिश्रण को लेकर मिक्सर में डालें और दो मिनट के बाद इसे छान लें और बेहतरीन सैनिटाइजर तैयार हो जाएगा.
क्यों मिलाना है एलोवेरा
इसमें एलोविरा इसलिए मिलाते हैं कि बार-बार हाथ सूखने पर रूखे हो जाते हैं. अगर एलोवेरा जेल पड़ा होगा तो नमी रहती है. वह त्वचा को रूखा नहीं होने देगा. ये सब चीजें घर में बन जाएंगी. दो से चार मिनट में बन जाता है.
जागरुकता के लिए सोशल मीडिया का ले रहे सहारा
प्रोफेसर ने बताया कि जागरुकता के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. इसके वीडियो यू ट्यूब में डाल रहे हैं. फेसबुक में डाल रहे है. कुछ व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि गरीब बस्ती में इसे बांटने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे. हम उनसे कहेंगे कि अगर वह हमें कच्चा माल (रॉ मैटेरियल) उपलब्ध कराएं तो हम लोग इसे तैयार करके बनारस के गरीब बस्तियों में नि:शुल्क वितरण कर सकते हैं.
बीएचयू के बायो मेडिकल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ़ मार्शल धयाल ने कहा, ‘कोराना वायरस के आड़ में कुछ लोगों ने सैनिटाइजर की कालाबाजारी शुरू कर दी है. कुछ लोग नकली भी बनाने लगे हैं. इसी को देखते हुए वह करीब दस लीटर सैनिटाइजर बनाकर परिसर में नि:शुल्क वितरित कर चुके हैं. पहले अपने विभाग इसके अलावा निदेशकों को भी दे चुके हैं. कोरोनावायरस को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. जागरुक होने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर एनजीओ और सामाजिक संस्थाएं हमारा सहयोग करें तो हमें इसे बहुत ज्यादा मात्रा में तैयार कर सकते हैं. इसके लिए संस्थाएं हमें रॉ मैटेरियल उपलब्ध करा दें तो हम लोग उन्हें 1000 लीटर तक सैनिटाइजर नि:शुल्क बनाकर दे सकते हैं. कालाबाजारी और फर्जी चीजों से बचा जा सकता है.