30 जनवरी को सामने आया था पहला केस
दूसरे महीने में 1000 से ज्यादा मामले मिले
चीन में जब एक रहस्यमयी बीमारी फैलने और हजारों लोगों के चपेट में आने की चर्चा हो रही थी, उसी दौरान 25 जनवरी को केरल की एक छात्रा वुहान से अपने घर लौटी. वह वुहान में मेडिकल की पढ़ाई करती है. लौटने के दो दिन बाद उसे गले में परेशानी हुई. उसने डॉक्टरों को इन लक्षणों की जानकारी दी और सरकारी अस्पताल में भर्ती हो गई. छह महीने पहले यानी 30 जनवरी, 2020 को भारत का ये पहला कोरोना केस था.
भारत में जब 30 जनवरी को पहला केस दर्ज हुआ, उस समय दुनिया भर में 8,000 से अधिक केस थे, लेकिन तब तक चीन से बाहर सिर्फ एक प्रतिशत केस थे. यूनाइटेड किंगडम और इटली में इस तारीख तक कोई केस नहीं था, हालांकि, इसके दो महीने बाद ये दोनों देश दुनिया के सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में शामिल हो गए. इस तारीख तक संयुक्त राज्य अमेरिका में सिर्फ पांच केस थे.
पहले महीने में भारत में दो अन्य केस दर्ज हुए. ये दोनों भी छात्र हैं जो बाहर से उसी समय वापस लौटे थे. दूसरे महीने भारत में 1,000 से ज्यादा केस सामने आए, क्योंकि महाराष्ट्र, दिल्ली और कर्नाटक में संक्रमण फैल चुका था और महीने के अंत तक देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया. इसके बाद अप्रैल में केस तेजी से बढ़े वृद्धि हुई.
30 जनवरी से लेकर अब तक हर महीने दुनिया के कुल केसों में भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. अब दुनिया के कुल कोरोना केस का लगभग 10 प्रतिशत भारत में हैं और हर दिन लगभग 20 प्रतिशत नए केस जुड़ रहे हैं.
पहले महीने में कोरोना वायरस केरल तक ही सीमित था, यहां तक कि मार्च में भी सबसे ज्यादा केस केरही थे. अप्रैल के बाद से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस सामने आए. महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु और दिल्ली में सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए. इन छह महीनों में महामारी सभी भारतीय राज्यों में व्यापक रूप से फैल चुकी है.
‘covid19india.org’ के जिला-वार आंकड़ों से पता चलता है कि अब कोरोना महामारी भारत के ज्यादातर जिलों में तेजी से फैल रही है. अब तक यह महामारी लगभग हर भारतीय जिले को अपनी चपेट में ले चुकी है. फरवरी के अंत तक सिर्फ तीन जिलों में कोरोना के केस दर्ज हुए थे, लेकिन अप्रैल के अंत तक कोरोना 450 जिलों में पहुंच गया. तब से अब तक कोरोना का कहर थमने की जगह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.