– कांग्रेस और भाजपा में अब कोई फर्क नहीं रहा। कांग्रेस के कई नेता कहते रहे हैं कि कांग्रेस एकजुट रहे तो उसे कोई नहीं हरा सकता। हां, कांग्रेस ही कांग्रेस को हरा सकती है। दिग्विजय सिंह प्रदेश के दौरे पर हैं और अब भी बैठकों में कह रहे हैं कि कांग्रेस को कांग्रेसी ही हराते हैं। कांग्रेस की यह बीमारी अब भाजपा में भी आ गई। लिहाजा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी कह दिया कि कांग्रेस में भाजपा को हराने की हिम्मत नहीं, भाजपा ही भाजपा को हराती है। साफ है कि कांग्रेस की राजनीतिक बीमारी अब भाजपा के अंदर प्रवेश कर गई है। गुटबाजी के चलते जिस तरह पहले कांग्रेस के नेता पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करते थे, भाजपा में भी वही होने लगा है। माना जाता था कि कांग्रेस में नेताओं का अपना वोट बैंक होता है। टिकट न मिलने पर वे अपना वोट किसी अन्य प्रत्याशी के पक्ष में डलवा देते थे। इसके विपरीत भाजपा के वोटर को ऐसा नहीं माना जाता। किसी नेता के कहने पर वह अपना मन नहीं बदलता और अपना वोट कमल के फूल को ही देता है। कैलाश के कथन से साफ है कि अब भाजपा बदल गई है। भाजपा में भी वह होने लगा जो कभी कांग्रेस में होता था। अर्थात भाजपा नेता चाहें तो पार्टी प्रत्याशी को हरवा सकते हैं। मतलब, यहां भी वोटर कमल के नहीं, नेताओं के हो गए हैं।