- तो 3 मई को लॉक डाउन खुलते ही महाराष्ट्र की उद्धव सरकार का करेंगे घेराव
- पालघर में साधुओं की पीट‑पीटकर हत्या पर बोले सीएम उद्धव ठाकरे
- गलतफहमी के कारण हो गई हत्या
- चोरों के आने की अफवाह थी
- यह सांप्रदायिक मामला नहीं पुलिस पर भी हुआ हमला
मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में लॉक डाउन के दौरान बीते 17 अप्रैल की रात दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट‑पीटकर हत्या को लेकर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई है। साधुओं की पीट‑पीटकर निर्मम हत्या को लेकर जूना अखाड़ा सहित देशभर का साधु संत समाज बेहद आक्रोशित हैं। और 3 मई को लॉक डाउन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र में उद्धव सरकार को घेरने का मन बना लिया है इसके मद्देनजर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर चौतरफा दबाव पड़ गया है। आज दोपहर सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि साधुओं की हत्या अफवाह के कारण हो गई है पालघर में चोरों के आने की अफवाहें उड़ रही थी, जिसकी चपेट में साधु आ गए हैं। यह एक दुर्गम इलाका है साधुओं को बचाने गई पुलिस पर भी भीड़ ने हमला किया जिससे उन्हें भी चोटें आई हैं। पुलिस की गाड़ी तोड़ दी गई है। सीएम उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि यह कोई सांप्रदायिक मामला नहीं है यानी उन्होंने इसे हिंदू मुसलमान से जोड़ने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि इसे सांप्रदायिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। ऐसी कोई बात नहीं थी सिर्फ गलतफहमी के कारण यह हृदय विदारक घटना हो गई है। महाराष्ट्र पुलिस ने तत्काल पांच मुख्य आरोपियों सहित दरिंदगी करने वाली भीड़ में शामिल 110 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। सीएम ठाकरे ने बताया कि इस संबंध में उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है जिन्हें मैंने पूरी बात बता दी है। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है। हालांकि सीएम ठाकरे ने यह भी जोड़ दिया कि अगर इन साधुओं को दादर नगर हवेली में ही रोक लिया जाता तो इस जघन्य कांड को टाला जा सकता था लेकिन अब बड़ी घटना तो हुई है लेकिन यह गलतफहमी के कारण हुई है। इसमें हिंदू मुसलमान का कोई मामला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी भी कीमत पर दोषी हमलावरों को छोड़ेंगे नहीं इसमें और जो भी शामिल होंगे उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सनद रहे संबित पात्रा द्वारा इस मामले में सिंह का जो ऑडियो वीडियो जारी किया गया है उसमें साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी इन साधुओं को बचाने की जगह उन्हें भीड़ की ओर ढकेलते दिख रहे हैं वहीं अमानवीयता की सारी हदें तोड़ चुकी इस भीड़ ने जूनागढ़ अखाड़े के एक बुजुर्ग साधु सहित दो साधुओं के साथ उनके ड्राइवर की भी पीट‑पीटकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी अब इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की है।