महाराष्ट्र के वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम अजित पवार ने आज विधानसभा में वर्ष 2020-21 के लिए राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार का पहला बजट पेश कर दिया है। बजट में कुल खर्च 3 लाख 56 हजार 967 करोड़ रूपये और राजस्व घाटा 9510 करोड़ रुपये शामिल हैं। उद्धव सरकार के बजट में कृषि क्षेत्र, सिंचाई, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन, उच्च शिक्षा, रोजागार और महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के 80 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार कानून बनाएगी। उन्होंने किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के 2 लाख किसानों को 2 लाख रुपये तक का कर्ज को माफ किया जाएगा।
बजट की अहम बातें
नगर विकास विभाग के लिए 6025 करोड़ रुपये की मंजूरी स्वीकृत
प्राथमिक उपचार की व्यवस्था को ठीक करने के लिए 5 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे।
साल 2020 में महाराष्ट्र की विकास दर में गिरावट आ सकती है।
राज्य में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण होगा।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर जिले में एक महिला थाना बनाया जाएगा।
राज्य के 2 लाख किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज को माफ किया जाएगा।
डॉक्टरों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।
80 प्रतिशत लोगों को रोजगार देने के लिए कानून बनाया जाएगा।
1074 ग्राम पंचायत की इमारतों के लिए एक हजार करोड़ रुपये की मंजूरी।
विधायकों को मिलने वाले लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड को दो करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया गया। *महाराष्ट्र के नवी मुंबई में महाराष्ट्र भवन बनाया जाएगा।
1200 करोड़ रुपये मुंबई-गोवा हाईवे को लेकर भूमि अधिग्रहण के लिए खर्च होंगे।
5 साल में मिलेगी 5 लाख युवाओं को नौकरी।
परिवहन को सुगम बनाने के लिए 1600 नई बसें खरीदी जाएंगी। इन बसों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
उर्जा के क्षेत्र में विकास के लिए 8 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
बंदरगाहों के विकास पर 276 करोड़ खर्च होंगे।
10 हजार करोड़ रुपए खर्च करके प्रति वर्ष 1 लाख नये सोलर पंप लगाए जाएंगे।
महाराष्ट्र में शिक्षा पर छह हजार करोड़ खर्च होंगे।
पुणे में अंतरराष्ट्री स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।